14 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई जॉन अब्राहम की द डिप्लोमैट स्लीपर हिट बनते-बनते रह गई । अच्छे रिव्यूज और पॉजिटिव वर्ड ऑफ़ माउथ के बावजूद डिप्लोमैट का कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 38.43 करोड़ रू में ही सिमट कर रह गया । अच्छा निर्देशन, अच्छी कहानी और जॉन अब्राहम सहित पूरी स्टार कास्ट की बेहतरीन एक्टिंग के बावजूद द डिप्लोमैट सुपरहिट नहीं बन पाई । और इसके बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर कमाई न कर पाने का असली कारण भारतीय सिनेमा के दिग्गज ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने डिकोड किया । बॉलिवुड हंगामा के साथ हुए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में तरण आदर्श ने जॉन अब्राहम की द डिप्लोमैट को बहुत अच्छी फ़िल्म बताया । लेकिन साथ ही उन्होंने इसके ब्लॉकबस्टर होने से चूक जाने की वजह भी बताई ।

EXCLUSIVE: अच्छा निर्देशन, अच्छी कहानी और अच्छी एक्टिंग के बावजूद ब्लॉकबस्टर क्यों नहीं बन पाई जॉन अब्राहम की द डिप्लोमैट ? तरण आदर्श ने किया डिकोड ; “इंग्लिश टाइटल रखकर आपने अपने एक तिहाई दर्शक सीधे-सीधे ख़त्म कर दिए”

क्या हिंदी टाइटल्स की कमी है ?

बॉलीवुड हंगामा के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में जब तरण आदर्श से पूछा गया कि क्या जॉन अब्राहम की द डिप्लोमैट को सिकंदर नहीं चलने का फ़ायदा मिला है ? इसके जवाब में तरण आदर्श ने कहा, “जॉन अब्राहम की डिप्लोमैट बहुत अच्छी फ़िल्म है, मुझे भी बहुत पसंद आई । लेकिन इसे थोड़ा अवेयरनेस लाकर, अच्छे से पब्लिसाइज़ करके रिलीज करना चाहिए था । असल में लोगों को पता ही नहीं था कि ये फ़िल्म रिलीज़ हो रही है ।”

द डिप्लोमैट के कम बिजनेस करने की एक वजह तरण आदर्श ने इसके अंग्रेजी टाइटल को बताया । तरण आदर्श ने बॉलीवुड फ़िल्मों के अंग्रेजी टाइटल का सख्ती से विरोध जताया । उन्होंने कहा, “आप अपनी फ़िल्मों के अंग्रेज़ी टाइटल क्यों रख रहे हैं । क्या हिंदी टाइटल्स की कमी है ? मैं इंग्लिश भाषा के ख़िलाफ़ नहीं हूँ लेकिन मैं इंग्लिश टाइटल के ख़िलाफ़ हूँ । आप भारतीय दर्शकों के लिए जो सिर्फ़ मुंबई तक ही सीमित नहीं है । मुंबई के बाहर भी है । तो फिर आप हिंदी टाइटल क्यों नहीं रख रहे । अपनी हिंदी फ़िल्मों के इंग्लिश टाइटल रखकर आपने अपने एक तिहाई दर्शक सीधे-सीधे ख़त्म कर दिए । जो यह कहते हैं कि, छोटे सेंटर्स में फ़लां फ़िल्म नहीं चला सकती, ऐसा नहीं है- क्योंकि जब किसी फ़िल्म से इमोशन कनेक्ट कर जाते हैं तो फ़िल्म जरूर चलती है ।”

तरण ने आगे कहा, “द डिप्लोमैट में जॉन ने बहुत अच्छा काम किया है । और फ़िल्म भी बहुत अच्छी बनाई है । फ़िल्म के सुपरहिट होने का बहुत स्कोप था लेकिन इसे टाइम लेकर प्रमोट नहीं किया । मेरी सभी से गुजारिश है की प्लीज अपनी फ़िल्मों के टाइटल हिंदी में ही रखिए ।”