34 वर्षीय बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन वह अपने फ़ैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे । सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फ़िल्म दिल बेचारा जल्द ही डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 24 जुलाई को रिलीज होगी । हाल ही में फ़िल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ जिसे उनके फ़ैंस ने बेशुमार प्यार दिया और नतीजतन दिल बेचारा के ट्रेलर ने यूट्यूब पर कई रिकॉर्ड्स कायम किए । और अब इस फ़िल्म का टाइटल ट्रेक 'दिल बेचारा' रिलीज हुआ है, जिसे देखकर सुशांत के फ़ैंस काफ़ी इमोशनल हो गए हैं । हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह चुके सुशांत के फैंस के लिए गाने में उनका हंसता-मुस्कुराता और मस्तीभरा स्वैग देखना किसी ट्रीट से कम नहीं है । ये सुशांत की जिंदगी का आखिरी गाना है जिसे उन्होंने शूट किया था । सुशांत सिंह राजपूत पर फ़िल्माया गए इस गाने को फराह खान ने कोरियोग्राफ किया है जबकि म्यूजिक और आवाज ए आर रहमान ने दी है ।

सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी के आखिरी गाने ‘दिल बेचारा’ में उनके हंसते-मुस्कुराते स्वैग को देख इमोशनल हुए फ़ैंस

 

सुशांत सिंह राजपूत के हंसते-मुस्कुराते स्वैग को देख इमोशनल हुए फ़ैंस

सुशांत और संजना सांघी पर फिल्माए गए गाने की खास बात यह है कि यह एक शॉट में पूरा हुआ है । वहीं फराह खान ने भी इसे कोरियोग्राफ करने की फीस नहीं ली थी । जहां एक तरफ़ इस गाने में सुशांत के डांस की तारीफ की जा रही है वहीं फैंस उनकी स्माइल पर भी फ़िदा हो रहे हैं । दिल बेचारा के सभी गाने एआर रहमान ने कम्पोज किए हैं । इस गाने को एआर रहमान, संजना सांघी सहित कई सिलेब्स ने ट्वीट किया है । ट्विटर पर इसे जबरदस्त रिऐक्शंस मिल रहे हैं ।

यह भी पढ़ें : सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद से मिल रही आलोचनाओं ने करण जौहर को तोड़ कर रख दिया है, करीबी दोस्त ने बताया हाल

सुशांत संग काम करने का अपना अनुभव बताते हुए फराह ने कहा, “यह गाना मेरे लिए खास है क्योंकि ये पहली बार था जब मैंने सुशांत को कोरियोग्राफ किया था । हम लंबे समय से दोस्त तो थे लेकिन कभी भी एक साथ काम नहीं किया । मैं चाहती थी कि गाना एक ही शॉट में पूरा हो जाए क्योंकि मैं सुशांत के डांसिंग टैलेंट के बारे में जानती थी । हमने एक दिन पूरी गाने की रिहर्सल की और फिर आधे दिन में पूरा गाना एक शॉट में कम्पलीट किया । गाने को इतने बेहतरीन ढंग से जल्द ही पूरा करने के बदले सुशांत मुझसे मेरे घर से स्वादिष्ट खानों की फरमाइश करते थे जो मैं उनके लिए हमेशा लेकर आती थी ।”