बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन से न केवल उनके फ़ैंस बल्कि पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री भी बेहद दुखी है । बिना किसी गॉडफ़ादर के बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले सुशांत सिंह राजपूत का यूं इस तरह जाना हर किसी को परेशान कर रहा है । सुशांत के निधन से उन लोगों को भी हताशा हुई है जो बॉलीवुड में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई आते हैं । और इसलिए बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने ऐसे लोगों का हौंसला बढ़ाते हुए कहा है कि उन्हें हिम्मत नहीं हारनी है और यही सुशांत के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी । इसी के साथ अनुपम खेर ने अपनी जिंदगी के भी उन संघर्षों को शेयर किया जब वो बॉलीवुड में अपना करियर बनाने के लिए आए थे ।

बॉलीवुड में अपना करियर बनाने आए आउटसाइडर्स को अनुपम खेर ने दी काम की सलाह, ‘भीगा हुआ आदमी बारिश से नहीं डरता’

अनुपम खेर ने दी युवाओं को हार न मानने की सीख

बता दें कि अनुपम भी बॉलीवुड में एक आउटसाइडर के तौर पर थे । लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और हिम्मत से न केवल बॉलीवुड में बल्कि हॉलीवुड तक में अपनी पहचान बना ली है । अपने जिंदगी के इसी अनुभव को आज अनुपम ने शेयर किया है । अनुपम ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह ऐसे युवाओं को सीख दे रहे हैं ।

अनुपम ने अपने वीडियो में कहा, “ये बहस चलती रहेगी, ये आज का दस्तूर नहीं है बल्कि सालों से ऐसा ही चलता आ रहा है, लेकिन आज मैं उन हजारों लाखों लोगों से मुखातिब होना चाहता हूं जो हिन्दुस्तान के छोटो-छोटे शहरों से मुंबई नगरी में आते हैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए । हो सकता है कि इन खबरों को देखकर, सुनकर आपके या आपके माता-पिता के मन में एक शंका या घबराहट पैदा हो रही हो कि कहीं मैं गलत जगह तो नहीं आ गया। क्या ऐसा ही होता है इस नगरी में ? क्या मैं एक आउटसाइडर ही बनकर रह जाऊंगा ? इस लॉकडाउन के अकेलेपन ने आपको थोड़ा और झकझोरा होगा, मायूसी थोड़ी और उतर गई होगी । माता-पिता के फोन आ रहे होंगे कि बेटा वापस आ जा अपने छोटो से शहर में, हमारी तरह एक आदमी की तरह जीने के लिए। उस बड़े शहर में शायद तेरा कोई स्थान नहीं है ।”

अनुपम ने आगे कहा, “आज से 39 साल पहले जब मैं मुंबई आया था तो मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था । अरे गंजा है, केकड़े जैसा पतला है, हिन्दी मीडियम स्कूल का है । ऐक्टर बनने के लिए बाल चाहिए, टैलंट तो किसी के भी पास हो सकता है । 1981 में ये बातें सही भी थी । क्रिटिसाइज करने वाले, आपको नीचा दिखाने वाले, आपको हौंसलों को पस्त करने वाले आपको आपके आसपास हमेशा दिखाई देंगे । पर दोस्तो, हारना नहीं है, अपने सपनों को बीच में छोड़ना नहीं है, घबराना नहीं है । जब मैं बहुत ही एक बुरे दौर से गुजर रहा था, रेलवे प्लैटफॉर्म पर सो रहा था तो मेरे दादाजी ने कहा था कि बेटा हार मत मानना, क्योंकि भीगा हुआ आदमी बारिश से नहीं डरता ।”

अनुपम ने आगे कहा, “उदास होना है लेकिन अपने सपनों को उस उदासी से हमेशा आगे रखना है । बस मेहनत करो और जब उदास हो तो दोस्तों से और अनजान लोगों से बातें करो, माता-पिता को फोन करो, उन्हें बताओ कि तुम उदास हो, मगर अपने इरादों पर अटल हो। उनका प्यार और आशीर्वाद आपके अंदर एक शक्ति पैदा कर देगा। माता-पिता से बढ़कर कोई चीज नहीं इस दुनिया में ।”

सुशांत के बारें में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “शायद वह अकेला था या उसे क्या दुख सता रहा था हम नहीं जानते, पर इससे बड़ा ट्रिब्यूट हम उसे क्या दे सकते हैं कि आउटसाइडर बनकर हम हारे नहीं । हमारी जीत उसके लिए सबसे बड़ श्रद्धांजलि होगी ।”

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For all the young dreamers who come to the city of Mumbai to make it big. ? #DontGiveUp #WorkHard #AllDreamsComeTrue

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इसी के साथ उन्होंने मुंबई को दुनिया का सबसे दयालु शहर बताया है, जिसने लाखों -करोड़ों लोगों के सपने पूरे किए हैं । उन्होंने अंत में कहा है, “फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के लिए शंका मत रखना, यहीं के लोग आपको आपका हाथ थामकर सफलता के शिखर तक ले जाएंगे । मेरी वो फेवरेट कविता की पंक्तियां हमेशा याद रखना- लहरों के डर से नौका पार नहीं होती, हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती । जय हो ।”