सुशांत सिंह राजपूत के निधन से उनकी को-स्टार कृति सैनॉन काफ़ी अपसेट हैं । कल ही सुशांत को याद करते हुए कृति सैनॉन ने सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट लिखा जिसमें उन्होंने अपने सबसे अच्छे दोस्त को खोने का दर्द बयां किया । और अब कृति सैनॉन ने सोशल मीडिया ट्रोल्स पर अपना गुस्सा जाहिर किया है ।

सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद कृति सैनॉन ने सोशल मीडिया ट्रोल्स पर निकाला अपना गुस्सा

कृति सैनॉन ने अपना गुस्सा जाहिर किया

सुशांत के निधन के बाद लगातार सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही कृति ने इन लोगों के लिए इंस्टाग्राम पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर अपना गुस्सा जाहिर किया । कृति ने लिखा, “यह बड़ी अजीब बात है जब आप चले जाते हैं तो ट्रोलिंग और गॉसिप करना दुनिया में अचानक अच्छा बन जाता है । सोशल मीडिया एक फेक और सबसे ज्यादा जहरीली जगह है... और अगर आपने RIPनहीं लिखा या कुछ पब्लिकली पोस्ट नहीं किया तो समझा जाएगा कि आपको दुख नहीं है जबकि वास्तव में वही लोग सबसे ज्यादा दुख मना रहे होते हैं। ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया ही एक 'असल' दुनिया बन गई है और असल दुनिया 'फेक' बन चुकी है ।”

मीडिया को संवेदनशीलता का पाठ पढ़ाया

कृति ने मीडिया के ऊपर भी नाराजगी जताते हुए लिखा, “कुछ मीडिया के लोग अपना उद्देश्य और संवेदनशीलता भूल गए हैं । ऐसे समय पर वे आपसे लाइव आने को बयान देने को कह रहे हैं । मतलब सच में??? कार की खिड़की पर हाथ मारकर कह रहे हैं- मैडम शीशा नीचे करो ना ताकि वे किसी के अंतिम संस्कार में जा रहे व्यक्ति की साफ तस्वीर ले सकें । अंतिम संस्कार एक बेहद निजी मसला होता है । कृपया मानवता को अपने प्रोफेशन से ऊपर रखिए। मैं मीडिया से रिक्वेस्ट करती हूं कि या तो ऐसी जगह पर वे आया न करें या कम से कम कुछ मर्यादा और दूरी बनाकर रखें । यह मत भूलिए, ग्लैमर के पीछे हम लो भी सामान्य व्यक्ति हैं जिनकी आपकी तरह ही कुछ भावनाएं होती हैं ।”

इसके बाद कृति ने लिखा, “पत्रकारिता के लिए कुछ नियम होने चाहिए । किसी को यह बताना चाहिए कि क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं है । क्या चीज पत्रकारिता के दायरे में आती है और क्या चीज 'इससे आपको कोई मतलब नहीं होना चाहिए' और 'जियो और जीने दो' के दायरे में आती है । बिना किसी आधार के कुछ भी लिखा गया गैरकानूनी होना चाहिए और इसे मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में रखा जाना चाहिए । इसलिए या तो कोई सबूत हो और या इतनी हिम्मत हो कि किसी के बारे में कोई कुछ लिख सके वरना बिल्कुल न लिखे । आपको नहीं पता कि जिसे आप जर्नलिजम कहते हैं उससे किसी के दिमाग, परिवार और जिंदगी पर कितना बुरा असर पड़ता है। छोटी मोटी जीत ज्यादातर सही नहीं होती ।”

ट्रोलर्स पर नाराजगी जताई

ट्रोलर्स पर नाराजगी जताते हुए कृति ने लिखा, “आरोप लगाने का खेल कभी खत्म नहीं होता । किसी के भी बारे में बुरी बातें लिखना बंद कीजिए । किसी के बारे में गॉसिप करना । आप किसी के बार में सबकुछ जानते हैं ये सोचना या आपका विचार ही सच है, ऐसा मनना बंद कीजिए...हर आदमी एक लड़ाई लड़ रहा है और आप उसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं । इसलिए अगर कुछ भी नेगेटिव बात, ट्रोलिंग या आलोचना आपके मुंह से निकलती है तो उससे पता चलता है कि आप क्या हैं न कि जिसके बारे में आप कह रहे हैं.. ज्यादातर इनको इग्नोर कर दिया जाता है या इससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन कहीं न कहीं यह हमारे अवचेतन मन को किसी अन्य से ज्यादा प्रभावित करता है ।”

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There are a lot of thoughts crossing my mind.. A LOT! But for now this is all i wanna say!??

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कृति ने अंत में लिखा, “हमें ऐसी लाइनें कहनी बंद कर देनी चाहिए जैसे- लड़के नहीं रोते, ऐसे नहीं रोते, रोना बंद करों मजबूत बनो । रोना कमजोरी की निशानी नहीं है । इसलिए जरूरत पड़ने पर खुलकर रोना चाहिए और चिल्लाना चाहिए । आप क्या महसूस रहे इस बारे में बात कीजिए, अगर अच्छा नहीं लग रहा है तो ठीक है लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति बात करें जो शायद आपको समझता हो । खुद को नॉर्मल होने के लिए वक्त लें । अपने परिवार और ऐसे लोगों को साथ लें जो आपकी चिंता करते हों... कभी उन्हें जाने न दें... वे ही ताकत हैं और कुछ भी हो आपके साथ डटे रहेंगे...इसलिए उन्हें अपने आसपास रखें। कोई भी इतना मजबूत नहीं होता जो जिंदगी से अकेला लड़ सके ।”

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