हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता और बीजेपी के स्टार राजनेता विनोद खन्ना ने गुरुवार की सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांसे ली । 70 वर्षीय अभिनेता कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे । विनोद खन्ना पंजाब के गुरदासपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के एमपी थे।
भले ही आज विनोद खन्ना हम सब के बीच नहीं हो, लेकिन फ़िल्म इंडस्ट्री में उनका अभूतपूर्व योगदान हमेशा ही याद रखा जाएगा । विनोद खन्ना ने कई यादगार फ़िल्में दी जैसे:- मेरे अपने, मेरा गांव मेरा देश, गद्दार, जेल यात्रा, इम्तिहान, इंकार, कच्चे धागे, अमर अकबर एंथनी, कुर्बानी, कुदरत, दयावान, कारनामा, जुर्म, इत्यादि ।
हम आपके लिए लाए हैं विनोद खन्ना के वो सबसे यादगार डायलॉग जो इतने ज्यादा प्रभावपूर्णा थे कि आज भी लोगों की यादों में हैं और हमेशा याद रखे जाएंगे ।
1. मेरा गांव मेरा देश
“जब्बर सिंह ने सिर्फ़ दो ही बातें सीखीं हैं…एक मौके का फ़ायदा उठाना…और अपने दुश्मन का नामो निशान मिटा देना”
2 मुक्कदर का सिकंदर
“इज्जत वो दौलत है जो एक बार चली गई तो फ़िर कभी हासिल नहीं की जा सकती”
3 मेरा गांव मेरा देश
“जिसका मन साफ़ होता है उसकी नजर भी साफ़ होती है”
4 क्षत्रिय
“दोस्ती भूलाई जा सकती है लेकिन दुश्मनी नहीं”
5 हलचल
“मैं जिस पेशे में हूं ना…वहां मेरे सिर्फ़ दुश्मन हैं, दोस्त कोई भी नहीं”
6 सत्यमेय जयते
“तुझ जैसे थर्ड क्लास आदमी के लिए, थर्ड डिग्री ट्रीटमेंट की जरूरत है”
7 मुक्कदर का सिकंदर
“अगर नजरें खूबसूरत हों…तो हर चीज खूबसूरत लगती है”
8 चांदनी
“दर्द की दवा न हो…तो दर्द को ही दवा समझ लेना चाहिए”
9 प्लेयर्स
“रिटायर सिर्फ़ पुलिस वाले होते हैं…चोर नहीं”
10 मुक्कदर का सिकंदर
“प्यार में वो गहराई है कि जिसके सामने समंदर भी कतरा मालुम होता है”
11 सुर्या : एन अवेकिंग
“मजदूर को मजदूरी पसीना सूखने से पहले मिले…और मजलूम को इंसाफ़ दर्द मिलने से पहले”
12 रिस्क
“टाइम का न बड़ा गेम है, इसके साथ कभी नहीं खेलनेका”
13 मुक्कदर का सिकंदर
“तलवार की लड़ाई तलवार से, प्यार की लड़ाई प्यार से, और बेकरार की लड़ाई सरकार से”
14 सुर्या : एन अवेकिंग
“गरीब का दिल अगर सोने का होता है तो हाथ फ़ौलाद के होते हैं”
15 कुर्बानी
“मैंने जब से होश संभाला है…खिलौनो की जगह मौत से खेलता आया हूं”
16 इक्का राजा रानी
“दौलत इतनी दौलतमंद नहीं जो सच्चा प्यार खरीद सके”
17 दयावान
“गरीब की जान की कीमत भी उतनी ही…जितनी पैसे वालों की जान की कीमत”
18 अमर अकबर एंथनी
“हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई…सभी तो हैं भाई भाई”