फिल्म ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा के पॉडकास्ट गेम चेंजर्स का पहला एपिसोड रिलीज़ हो चुका है, जिसमें मशहूर फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी मेहमान बने । इस खास बातचीत में हिरानी ने अपनी सिनेमाई यात्रा के कई दिलचस्प किस्से साझा किए, जिनमें उनकी पहली फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस से जुड़ी यादें भी शामिल रहीं। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई, बल्कि आलोचकों की भी खूब सराहना बटोरी । इसके साथ ही राजकुमार हिरानी ने अपनी क्रिएटिव प्रोसेस और उन चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की, जिनका सामना करते हुए उन्होंने ऐसी फिल्में बनाई हैं, जो सालों बाद भी दर्शकों को ताज़ा लगती हैं।

मुन्नाभाई MBBS की रिलीज पर राजकुमार हिरानी को मिला सबसे बड़ा सरप्राइज ; OMG की वजह से बदलनी पड़ी PK की स्क्रिप्ट

मुन्नाभाई MBBS की रिलीज पर राजकुमार हिरानी को मिला सबसे बड़ा सरप्राइज

एपिसोड के दौरान, कोमल नाहटा ने हिरानी से पूछा कि मुन्नाभाई एमबीबीएस की सफलता ने क्या उनकी अगली फिल्मों के लिए दबाव बढ़ा दिया था? अपनी सादगी और विनम्रता के लिए मशहूर हिरानी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “पहली फिल्म को लेकर तो मुझे यह भी याद नहीं कि मैंने कभी सोचा था कि यह कितनी कमाई करेगी या लोग इसे देखने आएंगे भी या नहीं। मैं बस इस बात से खुश था कि फिल्म बन गई।”

हिरानी ने फिल्म की रिलीज़ से जुड़ा एक मज़ेदार और दिल छू लेने वाला वाकया भी सुनाया। उन्होंने कहा, “रिलीज़ के अगले दिन, मेरे असिस्टेंट का फोन आया। उसने कहा, सर, चलिए फिल्म देखने चलते हैं। देखते हैं क्या माहौल है। जब मैं थिएटर पहुंचा तो मैंने गेटकीपर से पूछा कि फिल्म कैसी चल रही है। उसने इशारे में बताया कि हालात ठीक नहीं हैं। लेकिन जब मैं अंदर गया, तो देखा कि लोग फिल्म का आनंद ले रहे थे। तब मुझे समझ आया कि गेटकीपर के इशारे का मतलब 'हाउसफुल नहीं' नहीं था!”

हिरानी ने आगे बताया कि जब उन्होंने अभिनेता बोमन ईरानी के साथ मिलकर दर्शकों के साथ फिल्म देखने का फैसला किया, तो उन्हें एक बड़ा सरप्राइज मिला। “जब हम बाहर निकले, तो 'हाउसफुल' का बोर्ड लगा हुआ था,” हिरानी ने मुस्कुराते हुए याद किया। यह पल उनके लिए बेहद खास और अप्रत्याशित था।

जब नाहटा ने उनसे फिल्मों के लिए नए और अनोखे आइडियाज बनाए रखने के दबाव के बारे में पूछा, तो हिरानी ने अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म पीके के सफर को याद किया। उन्होंने कहा, “हां, हमें याद है जब हमने पीके लिखी थी, तो हमें बहुत खुशी हुई कि हमने एक अनोखा आइडिया लिखा है, जो कहीं और नहीं था। ”हालांकि, जल्द ही यह खुशी चिंता में बदल गई, जब किसी ने उन्हें बताया कि इस फिल्म की कहानी पहले ही लिखी जा चुकी है।

हिरानी ने कहा, “किसी ने हमसे कहा कि यह फिल्म पहले से लिखी जा चुकी है। जब हमने जाकर वह देखी, तो हम हैरान रह गए। अगर हम इसे बनाते, तो लोग कहते कि हमने इसे कॉपी किया है, इसलिए हमें चिंता होने लगी ।”

इसके बाद, फिल्म की टीम इस दुविधा से जूझती रही और करीब एक महीने तक यह तय नहीं कर पाई कि आगे क्या किया जाए। लेकिन फिर, अचानक एक बड़ा आइडिया सामने आया। हिरानी ने बताया, “एक दिन अभिजात (जोशी) आए और बोले कि हम इसे ऐसे दिखाते हैं कि वह भगवान को ढूंढ रहा है और जब उसे नहीं मिलता, तो वह कोर्ट केस कर देता है। मैंने कहा, ‘यह दिलचस्प है, चलो इसे और डेवलप करते हैं।”

हालांकि, इस चुनौती का सामना करने के बाद भी मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। जब फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार हो रही थी, तब हिरानी और उनकी टीम को पता चला कि ओएमजी – ओह माय गॉड! नामक फिल्म भी इसी थीम पर बनी है। उन्होंने आगे कहा, “तब हमें यह आइडिया भी छोड़ना पड़ा,” जिससे यह साबित होता है कि फिल्म निर्माण की रचनात्मक प्रक्रिया लगातार बदलती और विकसित होती रहती है।