बॉक्स ऑफिस ब्लॉकबस्टर छावा में ‘कवि कलश’ और हालिया रिलीज़ सुपरबॉयज़ ऑफ़ मालेगांव में अपने किरदार से सभी का दिल जीतने वाले वाले अभिनेता और लेखक विनीत कुमार सिंह ने अपनी जीत को दर्शकों की जीत बताया है । हाल ही में बॉलीवुड हंगामा के साथ हुए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में विनीत कुमार सिंह ने बताया कि लोगों को मेरी सफलता में अपनी सफलता दिखाई दे रही है और ये उनके लिए सबसे बड़ी खुशी की बात है । इसके अलावा विनीत कुमार सिंह ने अपने करियर में आने वाली चुनौतियों, दर्शकों की उम्मीदों और अपने आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में खुलकर बात की ।
आप एक अच्छे एक्टर के साथ-साथ राइटर भी हैं- तो जब आपने फिल्म लिखने और बनाने के बारे में सोचा तब आपके सामने किस तरह के चैलेंजेज आए ?
यदि आप जो लिखना चाह रहे हैं और उसके बारें में आपको क्लीयारिटी है तो फिर लिखने में जो मेहनत लगाती है वही है बस । बाक़ी चैलेंजेस ये है कि जो आप कहना चाहते हैं और उस बारें में आप जानते हैं, तो आप लिख सकते हैं । जैसे मैंने जब अपनी छोटी बहन मुक्ति सिंह के साथ मुक्काबाज़ लिखी तो हमने खेल का हर पहलू एक्सप्लोर किया । क्योंकि मेरी बहन ने स्पोर्ट्स की ही स्टडी की है । आगे भी वो बहुत कुछ लिख रही है । मेरे साथ अब प्रॉब्लम ये है की मुझे अब ज्यादा वक्त नहीं मिलता । शूट की वजह से मुझे लिखने का ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता । और राइटिंग हमेशा समय माँगती है जिसे आप फुर्सत से अकेले में अच्छे से लिख पाते हो । तो मुख्य चुनौती समय ही है लिखने के लिए । पहले ऐसा होता था कि टाइम ही टाइम था, लेकिन अब ऐसा टाइम आया है की अब ये समझ नहीं आता की सारी चीजें कैसे मैनेज करूँ । पहले तो मैं ये सोचता था कि आज क्या करूँ, कल क्या करूँ क्योंकि कुछ काम ही नहीं है । अब ऐसा ही की मैं पूरे दिन बस चल ही रहा हूँ । अभी कुछ देर पहले सुपरबॉयज़ ऑफ़ मालेगांव का प्रमोशन खत्म किया, फिर आपके साथ इंटरव्यू दे रहा हूँ, फिर अगली सुबह फिर प्रमोशन में बिजी रहूँगा । फिर ये सब ख़त्म करके वहीं से डायरेक्ट फ्लाइट लुंगा हैदराबाद के लिए, वहाँ मेरी नाइट शिफ्ट है, जहां मैं पूरी रात एक्शन करूंगा । ये सब ख़त्म करके सुबह की फ्लाइट लेके वापस मुंबई आऊंगा और फिर फ़िल्म के लिए इंटरव्यू लाइनअप है ।
हर तरह का रोल करने के लिए हमेशा तैयार रहने का ट्रेंड आगे भी फोलो होगा ?
नहीं, मैं प्रयोग करना चाहता हूं । और आगे भी करता रहूँगा । और मैंने ये सोचा है की मैं साल में एक फ़िल्म तो ऐसी करूँगा जो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में जाए । हाँ ये भी हो सकता है कि किसी साल मुझे ऐसी फ़िल्म न मिले लेकिन मेरी तलाश इसके लिए जारी रहेगी । मैं असल में कहानियाँ खोजता हूं । मैंने ख़ुद से ही ये वादा किया है कि ऐसी कोई छोटी फ़िल्म, इंडिपेंडेंट फ़िल्म, जो इंटरनेशनल अपील रखती हो और जो भाषा के बैरियर्स से परे हो । जैसे लापता लेडीज, संतोष इस तरह की । इसके साथ बड़ी फ़िल्में भी करूँगा जैसे छावा, जाट और सुपरबॉयज़ ऑफ़ मालेगांव है । देखते हैं ये कितना वर्क करता है पर सोचा तो यही है ।
सफलता के साथ ऑडियंस की उम्म्मीदें भी बढ़ जाती हैं ? आपने इसके लिए खुद को कैसे रेडी किया है ?
मैं एकदम तैयार हूं, भरा पड़ा हूं मैं । आने वाले समय में बहुत एक्सपेरिमेंट करूँगा । दर्शकों की उम्मीद पर बिल्कुल खरा उतरूँगा । बहुत तरह की चीजें करना चाहता हूं । मैं कॉमेडी फ़िल्म करना चाहता हूं । क्योंकि मैं बनारस का रहने वाला हूं, जॉइंट फैमिली में रहा हूं, हॉस्टल में रहा हूं, मैं बास्केटबॉल का प्लेयर था तो मैंने वहां फ़ुल ऑन कॉमेडी भी देखी है, इमोशन भी । तो मैं आगे ऐसी फ़िल्म करना चाहता हूं जो कॉमेडी से भरी है जिसकी कहानी जमीं से जुड़ी हुई हो । इसके अलावा एक्शन फ़िल्म भी करना चाहता हों जिसमें बढ़िया ड्रामा हो ।
आपके नेक्स्ट प्रोजेक्ट्स ?
अप्रैल में जाट देखने को मिलेगी, फिर मेरा एक शो है जिसे कबीर ख़ान ने प्रोड्यूस किया है । वो भी इसी साल आ जाएगा । इस साल मेरी 6 रिलीज है । और सभी में कुछ अलग काम हुआ है । मुझे लगता है यो जो सफलता मिली है उन दर्शकों की जीत है। लोगों को मेरी सफलता में अपनी सफलता दिखाई दे रही है ।