साल 2022 बॉलीवुड के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ । एक से बढ़कर एक बड़ी फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर बुरी तरह से फ़्लॉप हुई, साथ थी बॉलीवुड के सुपरस्टार कहे जाने वाले अभिनेताओं ने भी अपने फ़ैंस को बड़े स्तर पर निराश किया । फिर चाहे वो आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा हो, अक्षय कुमार की पृथ्वीराज, रक्षाबंधन हो, ऋतिक रोशन की विक्रम वेधा, रणवीर सिंह की सर्कस हो, लगभग हर बड़ी फ़िल्म मानी जाने वाली फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर दर्शकों को आकर्षित करने में नाकाम साबित हुई । इस बारें में ट्रेड एक्सपर्ट और दिग्गज फ़िल्म क्रिटिक तरण आदर्श ने बॉलीवुड हंगामा के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की और लगातार फ़्लॉप हो रही बॉलीवुड फ़िल्मों का कारण बताया । साथ ही तरण आदर्श ने यह भी कहा की 60 से 70 प्रतिशत हमारी फ़िल्म का बजट एक्टर की फीस में चला जाता है ऐसे में कंटेंट पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता ।

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तरण आदर्श को लगती है बॉलीवुड में कंटेंट की कमी

इंटरव्यू के दौरान जब पूछा गया कि, बॉलीवुड बुरे दौर से गुजर रहा है ऐसे में बॉलीवुड को साल 2022 से क्या सीखना चाहिए । इस पर तरण आदर्श ने कहा, “ऐसे तो बहुत सारी चीजें हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कंटेंटे, जिसकी कमी कई फ़िल्मों में देखने को मिली । दूसरा इकनोमिक़्स, प्रोड्यूसर की साइड से और एग्जीबिटर्स की साइड से भी जिसमें टिकट की क़ीमत आती है । तो ये दो फ़ैक्टर, कंटेंट और अफ़ोर्डेबल टिकट प्राइस, या कहें कि फ़िल्म की इकोनोमिक्स सबसे बड़ी ज़िम्मेदार रही बॉक्स ऑफ़िस पर ज़्यादा से ज़्यादा फ़िल्मों के फ़्लॉप होने में । 

इसके अलावा साल 2022 में कई सारी फ़िल्में लॉकडाउन के बाद रिलीज़ हुई जो पहले रिलीज़ होनी थी । इतने में महामारी के दो साल लोगों ने ओटीटी पर ढेर सारा इंटरनेशनल कंटेटें देख लिया और समय के अनुसार उनका टेस्ट चेंज हो गया । तो ये भी सबसे ज़्यादा अहम कारण है । इन दो सालों में लोगों ने साउथ की फ़िल्में भी बहुत ज़्यादा देखी जैसे तेलुगू, तमिल, मलयालम और कन्नड़ जिसके बाद इन फ़िल्मों के एक्टर्स हर घर में पहचाने जाने लगे । अल्लू अर्जुन की आला हो या विज़य सेतुपती और आर माधवन की विक्रम वेधा हो या कई और भी फ़िल्में जिसने दर्शकों का दिल जीता । 

तो साल 2022 से जो सीखने लायक़ बात है, वो ये है की यदि आप कमर्शियल फ़ोर्मेट में दर्शकों को आज कुछ नया नहीं देंगे तो वे उसे रिजेक्ट कर देंगे । ये देखा भी गया है की जो एक्टर्स की फ़िल्में महामारी से पहले 10 से 15 करोड़ की ओपनिंग देती थी अब 3-4 या दो करोड़ की ही ओपनिंग दे रही हैं । ये फ़ेज़ फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए बहुत भारी पड़ा । इसी बीच साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री- पुष्पा, आरआरआर, केजीएफ और कांतारा जैसी फ़िल्में लेकर आई । इन चारों फ़िल्मों ने बॉक्स ऑफ़िस पर मैजिक कर दिया ।

मुझे लगता है की 60 से 70 प्रतिशत हमारी फ़िल्म का बजट एक्टर की फीस में चला जाता है । कंटेंट पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता । आज की तारीख़ में जो फ़िल्में बन रहीं हैं वो फ़िल्में नहीं प्रपोज़ल बन रहे हैं की इस एक्टर को ले लेते हैं, इतने में सेटेलाइट बिकेगा, इतने में ओटीटी की डील होगी, इतने में म्यूज़िक बिकेगा, इतने में ओवरसीज़ से पैसा आ जाएगा इत्यादि । इससे पूरी फ़िल्म का, फ़िल्म इंडस्ट्री का इकनोमिक्स स्ट्रक्चर ख़राब हो जाता है । लेकिन मुझे लगता है की 2023 में ये बदलना चाहिए ।

तरण आदर्श ने आख़िर में कहा, “ये हो तो काफ़ी टाईम से रहा है लेकिन इसके असर 2022 में देखने को मिले । बड़ी से बड़ी फ़िल्में फ़्लॉप हुईं वो अलग बात है, लेकिन बड़े बड़े स्टार्स होने के बावजूद फ़िल्म ने ओपनिंग नहीं ली । चाहे वो रणबीर कपूर की शमशेरा हो, ऋतिक रोशन की विक्रम वेधा हो या साल 2022 की आख़िरी बड़ी फ़िल्म रणवीर सिंह की सर्कस हो । तो जब ऐसी फ़िल्में फ़्लॉप होती हैं तो इंडस्ट्री की नींव हिल जाती है । हम साल 2022 को ग़लत कारणों से याद करते हैं ।