फ़िल्मों की री-रिलीज के इस बढ़ते ट्रेंड में सोहम शाह की तुम्बाड ने बॉक्स ऑफ़िस पर सफ़लता दर्ज की । सिनेमाघरों में फ़िर से रिलीज हुई तुम्बाड ने रिलीज के सात दिनों में टोटल ₹13.44 करोड़ की कमाई कर अच्छा परफ़ॉर्म किया । ये कहना गलत नहीं होगा कि, तुम्बाड़ की सफ़लता फ़िल्मों की री-रिलीज के ट्रेंड को और ज्यादा बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी । लेकिन थिएटर में फ़िल्मों की री-रिलीज नई फ़िल्मों के बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन को प्रभावित कर सकती है । तो इस बारें में फ़िल्म के लीड एक्टर सोहम शाह ने बॉलीवुड हंगामा को एक्सक्लूसिवली बताया कि, इससे आने वाली फ़िल्मों के कंटेंट क्वालिटी में सुधार होगा ।
सोहम शाह की तुम्बाड ने बॉक्स ऑफ़िस पर किया अच्छा परफ़ॉर्म
बॉलीवुड हंगामा को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में जब सोहम से पूछा गया कि फ़िल्मों की री रिलीज वाले कॉन्सेप्ट को आप कितना सही मानते हैं ? और आपको नहीं लगता कि, कहीं न कहीं ये कॉन्सेप्ट नई फ़िल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की संभावनाओं को कम करता है ? तो इसके जवाब में सोहम ने कहा, “मुझे ये बिल्कुल सही कॉन्सेप्ट लगता है । मुझे लगता है कि इससे हमारी वर्तमान में आ रही फ़िल्मों की क्वालिटी में सुधार होगा । और ज्यादातर फ़िल्मों की री-रिलीज कम पैसों में दिखाई जाती है , जैसे हमारी तुम्बाड सिर्फ़ 150 रु में दिखाई जा रही है । तो दर्शकों के लिए यह काफ़ी फ़ायदेमंद है । हमारी कामयाबी हमेंशा दर्शकों की खुशी पर निर्भर होती है । क्योंकि हमारे दर्शकों को कम पैसों में ज्यादा सिनेमा देखने को मिलेगा । हालांकि हो सकता है कि इससे कुछ फ़िल्मों को नुकसान हो लेकिन इससे सबक लेकर हमें हमारी राइटिंग को और ज्यादा मजबूत करना होगा ।”
इसके अलावा जब सोहम से पूछा गया कि, दर्शक अब बहुत सिलेक्टिव हो गए हैं फ़िल्मों को लेकर, बॉक्स ऑफिस पर बड़े से बड़े एक्टर की मेगाबजट फ़िल्में नहीं चल पाती वहीं, एक कम बजट की फ़िल्म आती है और 100-200 करोड़ क्रॉस कर जाती है- तो आपके अनुसार थिएट्रिकल फ़िल्म के लिए क्या वो फ़ैक्टर्स है जो उसे हिट बना सकते हैं ? इसके जवाब में सोहम ने कहा, “कहानी कहानी कहानी । मुझे लगता है कि हमें हमारी कहानी पर काम करना चाहिए । फ़िल्म बिजनेस की रीढ की हड्डी राइटिंग होती है ।”
राही अनिल बर्वे द्वारा डायरेक्टेड और इरोस इंटरनेशनल और आनंद एल राय द्वारा प्रोड्यूस, तुम्बाड की सफलता बताती है कि यह भारतीय सिनेमा में एक मॉडर्न क्लासिक है। सिनेमाघरों में इसकी लगातार पॉपुलैरिटी, खासकर तब से जब इसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ नहीं किया गया है, ने बहुत उत्साह पैदा किया है और ओरिजनल कहानियों के महत्व को उजागर किया है।