पद्मावत के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है । और अब एक बार फ़िर इस फ़िल्म को अन्य देश में प्रतिबंध क सामना करना पड़ रहा है । संजय लीला भंसाली द्दारा निर्देशित यह फ़िल्म ऐतिहासिक महाकाव्य पद्मावत पर आधारित है । अपने कंटेंट को लेकर पद्मावत को मलेशिया में प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है ।

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हालिया खबरों के मुताबिक, मलेशियन सेंसर बोर्ड ने थिएटरों और मल्टीप्लेक्सों में इस फ़िल्म को उसके हिंसक और क्रूर प्लॉट की वजह से रिलीज करने से इंकार कर दिया है । यह कहा जा रहा है कि कुछ फ़िल्म निर्माताओं ने इस फ़िल्म को 'प्रासंगिक नहीं' टिप्पणी दी है । यह आम तौर पर उन फिल्मों को दिया जाता है जिनकी सांप्रदायिक हिंसा या अशांति पैदा करने की संभावना होती है ।

मलेशियाई सेंसर बोर्ड ने इसलिए नहीं दी मंजूरी

यहां तक कि खबरें तो ऐसी भी हैं कि मलेशिया में मौजूद कुछ मुसलमान इस पर आपत्ती जताएंगे । और वह इसे इस्लाम समुदाय के लिए आपत्तिजनक मानकर इसका विरोध करेंगे । राष्ट्रीय फिल्म सेंसरशिप बोर्ड (एलपीएफ) के अध्यक्ष मोहम्मद जंबारी अब्दुल अजीज ने इसमें अपने सुर मिलाते हुए कहा, इस फिल्म का कंटेंट मलेशियाई लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है । मलेशिया की अधिकतर आबादी मुस्लिम धर्म मानने वाली है । इसकी कहानी से लोगों की भावनाएं आहत होंगी । बता दें कि फिल्म में खिलजी को हिंसक, लालची और वहशी दिखाया गया है ।

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वहीं दूसरी तरफ़, अजीज ने यह भी कहा कि मलेशिया में फ़िल्म के वितरकों ने सेंसर बोर्ड के निर्णय के ख़िलाफ़ अपील दायर की है जिस पर तीस जनवरी को सुनवाई हो सकती है । लेकिन जब तक फ़ैसला नहीं आ जाता, तब तक इस मामले पर बह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते ।

1540 में सूफ़ी कवि मलिक मोहम्मद जायसी द्दारा रचित महाकाव्य पद्मावत, पर आधारित फ़िल्म पद्मावत, चित्तोड़ की रानी पद्मनी की गजब की सुंदरता को बयां करती है और कैसे मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी रानी पद्मनी की सुंदरता पर लट्टू होकर उन्हें पाने के लिए जुनूनी हो गया था । यह फ़िल्म 25, जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई ।