अभिनेता-फिल्म निर्माता, निर्देशक सतीश कौशिक ने हरियाणवी सिनेमा में 2019 की फिल्म छोरिया छोरो से कम नहीं होती, से डेब्यू किया था । सतीश कौशिक ने फिल्म में सिर्फ अभिनय ही नहीं किया, बल्कि इसका निर्माण भी किया । और 67वें राष्ट्रीय पुरस्कार में सतीश कौशिक की फिल्म छोरियां छोरों से कम नहीं होती ने सर्वश्रेष्ठ हरियाणवी फ़िल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है ।

अपनी फ़िल्म छोरियां छोरों से कम नहीं होती को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर सतीश कौशिक ने कहा, ‘फ़िल्म के मैसेज पर भरोसा था’

सतीश कौशिक ने आभार जताया

छोरिया छोरो से कम नही होती ,ने सर्वश्रेष्ठ हरियाणवी फिल्म श्रेणी में वर्ष 2019 के लिए 67 वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है । प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने पर उत्साहित, सतीश कौशिक कहते हैं, “जब मैं इस फिल्म पर काम कर रहा था, मुझे यकीन था कि परियोजना प्रभावशाली होगी और यह समाज में सही संदेश देगी । फ़िल्म को मिली सफलता यह साबित करती है मेरा विजन सही था । मैं निर्देशक राजेश बब्बर और उनकी टीम का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने इस अद्भुत परियोजना के लिए योगदान दिया ।

मैं हरियाणा से हूं और मैं हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री के विकास के लिए काम कर रहा हूं । इसलिए, मैं व्यक्तिगत रूप से इस फिल्म के विषय से जुड़ा हुआ था। यह फ़िल्म सही में पुरस्कार के योग्य है जो पुरस्कार इसे मिला है । जी स्टूडियोज और टीम ने फिल्म का निर्माण के लिए मेरे विजन पर विश्वास किया और इसमें साथ दिया उसके लिए भी आभारी हूं ।”

इस बीच पिछेले कुछ सालों में, लाडो, पगड़ी और सतरंगी जैसी हरियाणवी फिल्मों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिले है ।