लगता है साल 2018, महिला कलाकार के लिए एक आदर्श साल साबित हो रहा है । सबसे पहले रानी मुखर्जी की हिचकी की सफ़लता ने इन मिथकों को तोड़ दिया कि एक हीरो से ही फ़िल्म चलती है । और इतना ही नहीं रानी ने हिचकी में एक ऐसा किरदार निभाया जिसे बोलने में दिक्कत होती थी । और उसके बाद आलिया भट्ट, जिसने अपनी हालिया रिलीज फ़िल्म राज़ी में एक ऐसी देशभक्त जासूस का किरदार निभाया था, और जो अपने देश की खातिर पाकिस्तान में शादी करती है, ने साबित कर दिया कि एक महिला कलाकार से भी फ़िल्म सफ़ल हो सकती है । राज़ी पांच साल में ऐसी पहली फ़िल्म बन गई जिसने बॉक्सऑफ़िस पर 100 करोड़ रु कमाए ।

GIRL POWER : क्या सोनम कपूर की वीरे दी वेडिंग को आलिया भट्ट की राज़ी से मिलेगा फ़ायदा ?

राज़ी और वीरे दी वेडिंग दो अलग-अलग शैली की फ़िल्में हैं

और अब इन सब की वजह से वीरे दी वेडिंग की टीम अपनी फ़िल्म को लेकर काफ़ी आशावान हो गई है । इस बारें में सोनम कपूर कहती हैं कि, ''राज़ी की सफ़लता हमारे लिए यकीनन एक अच्छी खबर है । लेकिन हमारी फ़िल्म काफ़ी अलग है । राज़ी के साथ दो बड़े प्रोडक्शन हाउस जुड़े थे । हमें ज्यादा स्क्रीन काउंट और थिएटर नहीं मिल सके । लेकिन अहम इस बात से खुश हैं कि हमारी फ़िल्म को एक अटेंशन मिल रहा है ।''

ट्रेड पंडित इस बारें में कहते हैं कि, वीरे दी वेडिंग को राज़ी की सफ़लता का फ़ायदा होगा । इस बारें में ट्रेड एनालिस्ट अतुल मोहन कहते हैं कि, ''राज़ी एक अलग शैली की फ़िल्म थी । राज़ी एक इतिहास से ली गई देशभक्ति की एक अनकही कहानी थी, जबकि, वीरे दी वेडिंग आज की पीढ़ी की 'शादी और प्रतिबद्धता पर एक अलग टेक लेती है । राज़ी को देखने के लिए परिवारों की भीड़ उमड़ी लेकिन वीरे दी वेडिंग के प्रोमो को देखें तो, इसे बड़े शहरों के युवा वर्ग द्दारा देखे जाना चाहिए । ये दोनों अलग-अलग फ़िल्में है ।''

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विश्लेषक अमोद मेहरा कहते हैं, "महिलाएं निश्चित रूप से वीरे दी वेडिंग को देखने के लिए झुंड में जाएंगी । लेकिन राज़ी के कारण नहीं । बल्कि बोल्ड कंटेंट के कारण ।"