आमिर खान इन दिनों अपनी लव लाइफ को लेकर तो चर्चा में है हीं साथ ही, अपनी आगामी कमबैक फ़िल्म, सितारें जमीं पर को लेकर भी हेडलाइन में है । आमिर खान ने माना है कि उन्हें लीक से हटकर फ़िल्में बनाना अच्छा लगता है, वो कभी ट्रेंड को फोलो नहीं करते । इसके अलावा हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में आमिर खान ने यह भी कहा कि, फ़िल्म की कहानी हमेशा दर्शकों से जुड़ती है और उनकी आगामी कमबैक फ़िल्म सितारें जमीं पर उन्हीं में से एक फ़िल्म होगी ।
आमिर खान की सितारें जमीं पर में नहीं है कोई भी एक्शन
जस्ट टू फिल्मी यूट्यूब चैनल से को दिए इंटरव्यू में आमिर खान ने फ़िल्मों में अलग हटकर स्किप्ट चुनने पर कहा, “मेरा स्ट्रगल कभी ख़त्म नहीं होगा क्योंकि फ़िल्मों को लेकर मेरी च्वाइस बहुत अलग तरह की होती है । उस दौर की जो फ़िल्में चल रहे हैं, या कामयाब हो रही हैं मेरी फ़िल्में वैसी जरा भी नहीं होती । और न आज ऐसी हैं । अब मेरी फ़िल्म आ रही है, सितारें जमीं पर उसमें कोई एक्शन नहीं है... इसमें एक थप्पड़ भी नहीं है। यह एक पारिवारिक मनोरंजन है; इसमें कॉमेडी है, यह मजेदार फ़िल्म है । यह एक ड्रामा है लेकिन यह फ़िल्म बहुत अहम बात बताती है । जैसे तारें जमीं पर, यह एक ऐसी फ़िल्म थी जो हमें बहुत कुछ बताती थी, सिखाती थी । तब हमें एहसास होता था कि हमारे बच्चों के साथ ऐसा हो रहा है, हमारे साथ ऐसा हो रहा है । ये चीजें सितारें जमीं पर में आपको दस गुना ज्यादा मिलेगी, ऐसी मेरी उम्मीद है लेकिन हाँ इस बार कॉमेडी के साथ ।”
आमिर ने आगे कहा, “सितारें जमीं पर में कोई एक्शन नहीं है । मैं हमेशा कहानी में विश्वास करता हूँ । और मुझे लगता है कि आख़िर में कहानियाँ ही कनेक्ट होती है लोगों के साथ । एक दौर होता है जब एक्शन फ़िल्में चलती हैं, लेकिन फिर वो दौर ख़त्म हो जाता है । जब मेरी फिल्म गजनी रिलीज़ हुई, तब एक्शन फिल्में नहीं कर चल थीं, और लोगों ने मुझसे कहा, ‘एक्शन फिल्मों का दौर खत्म हो गया है, और अब आप एक्शन फिल्म ला रहे हैं।’ मैंने कहा, ‘मैं वैसे भी ट्रेंड को फोलो नहीं करता।’ जब गजनी रिलीज़ हुई, तब कई एक्शन फिल्में फ्लॉप हो चुकी थीं। मेरी सोच अलग थी, इसलिए मुझे लगातार मेनस्ट्रीम के विपरीत जाना पड़ा । मैंने अपनी फिल्मों के लिए जो विकल्प चुने, वे कभी भी मार्केट के अनुरूप नहीं थे। मुझे हमेशा मार्केट से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। मुझे खुद को साबित करना था । जब मैंने 8-10 हिट फिल्में दीं, तो लोगों ने सोचना शुरू कर दिया, यार ये कुछ तो सही कर रहा है, क्या कर रहा है ये समझ नहीं आ रहा बस । बाद में लोग कहने भी लगे ये तो परफेक्शनिस्ट है ।”