बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आज ही के दिन यानि 14 जून 2020 को इस दुनिया को अलविदा कह गए थे लेकिन उनकी यादें उनके फ़ैंस के दिलों में अभी भी बसी हुईं हैं । सुशांत सिंह राजूपत ऐसे अभिनेता हैं जिनकी मरने के बाद भी फ़ैन फ़ोलोइंग बढ़ती जा रही है । आज सुशांत की पहली पुण्यतिथ‍ि है इस मौके पर हम आपको बताते हैं कि वो 7 बदलाव जो सुशांत के दुखद निधन के बाद बॉलीवुड में देखने को मिल रहे हैं ।

सुशांत सिंह राजपूत के दुखद निधन के बाद बॉलीवुड में आए ये 7 आवश्यक बदलाव जिसने बदल दिया सब कुछ

सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद आए बदलाव

1. ब्लाइंड आर्टिकल्स पर लगी रोक : फ़िल्मी सितारों कि प्रोफ़ेशनल लाइफ़ से लेकर पर्सनल लाइफ़ तक के ऊपर मीडिया द्दारा लिखे जाने वाले ब्लाइंड आर्टिकल्स (बिना नाम लिए किसी भी कलाकार को निशाना बनाते हुए लिखे जाने वाले नकारात्मक लेख) सुशांत के निधन के बाद बंद हो गए । क्योंकि सुशांत के कथित आत्महत्या करने से दुखी हुए उनके फ़ैंस ने जब पाया कि अभिनेता के खिलाफ़ ऐसे ब्लाइंड आर्टिकल्स की भरमार थी जिन्हें फ़ैंस सुशांत के मनोबल टूटने का जिम्मेदार मानते हैं । नतीजतन सुशांत के निधन के बाद करीब-करीब हर मीडिया पोर्टल ने ऐसे ब्लाइंड आर्टिकल्स छापना लगभग बंद कर दिया ।

2. जांच के घेरे में बॉलीवुड : इससे पहले भारतीय मनोरंजन जगत को इतनी गहराई से नहीं जांचा गया । सितारों और फ़ैंस के बीच के समीकरण रातों-रात बदल गए । जहां पहले फ़िल्मी सितारों को लोग अपना आदर्श समझते थे और उनके जैसा बनने की कोशिश करते थे, वो सब कुछ सुशांत के दुखद निधन के बाद बदल गया । फ़िल्मी सितारों की आकर्षक फ़ीस से लेकर, ड्रग्स डीलर्स के साथ उनके संपर्क तक, सब कुछ बदल गया और फ़िल्म जगत का एक निगेटिव रूप देखने को मिला ।

3. फ़िल्मी गुटबाजी/कैंप्स खत्म हुए : सुशांत के निधन के बाद चाहे वह करण जौहर हो या महेश भट्ट, राज दरबार का लंबे युग (राज दरबार इसलिए नाम दिया गया क्योंकि यह राज कपूर के फ़ेमस कैंप से शुरू हुआ) का अंत हुआ ।

4. स्टार्स की फ़ीस कम हुई : 100 करोड़, 120 करोड़, 160 करोड़, ये कोई बॉक्स ऑफ़िस के आंकड़े नहीं है बल्कि ये उन चुनिंदा कलाकारों की फ़ीस है जो उन्हें उनकी फ़िल्म के लिए दी जाती है । सुशांत के निधन के साथ दर्शकों ने कठोर स्टार सिस्टम को खारिज कर दिया । उन्होंने (सही मायने में) सवाल किया कि ऐसे चुनिंदा कलाकारों को इतनी भारी-भरकम फ़ीस क्यों दी जाती है जबकि इनकी फ़िल्में ओपनिंग भी ठीक तरह से नहीं कर पाती ।

5. रेव पार्टियां गुजरे जमाने की बात हुई : पहले फ़िल्मी सितारें रेव पार्टियों से खुद का मनोरंजन करते थे । लेकिन जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ऐसी पार्टियों की तरफ़ अपनी जांच घुमाई तो बॉलीवुड में ऐसी पार्टियां बंद सी हो गई । ये कहना गलत नहीं होगा कि सुशांत के निधन के बाद अब बॉलीवुड का एक नया साफ़-सुथरा रूप देखने को मिल रहा है ।

6. बॉलीवुड के दरवाजे बाहरी/आउटसाइडर्स के लिए और ज्यादा खुले : क्या सुशांत भाई-भतीजावाद/ नेपोटिज्म का शिकार हुए ? जहां जांच एंजेसी अभी तक इस बात की जांच कर रही हैं वहीं अब फ़िल्म इंडस्ट्री आउटसाइडर्स , जिनका फ़िल्मी दुनिया से इससे पहले कोई लेना-देना नहीं हो, के लिए काफ़ी दयालु हो गई है । करण जौहर भी सिद्धार्थ मल्होत्रा के बाद से पहले बाहरी व्यक्ति, लक्ष्य को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, जिसे जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस द्वारा लॉन्च किया जाएगा ।

7. सुशांत अब एक रूपक बन गए हैं : “सुशांत जैसा मत करो” या “यह सुशांत मोमेंट जैसा लगता है” इस तरह की लाइनों का प्रयोग हर बार अब नॉन-इंडस्ट्री एक्टर एक चुनौती के रूप में कर रहे हैं जब उनके साथ कोई गलत व्हवहार होता है । सुशांत सिंह नाम किसी भी निर्माता के लिए एक वॉर्निंग की तरह बन गया है, जो एक न्यू कमर के पतन की साजिश रचने की हिम्मत करता है । हाल ही में जब कार्तिक आर्यन को फिल्म माफिया ने धमकाया, तो सुशांत के नाम का आह्वान करने वाले एक सुरक्षात्मक कोरस ने इसे सुशांत का रूपक बताया । सुशांत अमर रहे ।

बत दें कि 14 जून 2020 को सुशांत अपने मुंबई स्थित फ़्लैट में मृत पाए गए थे । पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स में सुशांत की मौत को आत्महत्या बताया गया लेकिन उनके फ़ैंस और फ़ैमिली इसे आत्महत्या मानने को राजी नहीं थी इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई । सीबीआई ने अपनी तफ़्तीश में कई एंगल तलाशे जिसमें से एक ड्रग्स का एंगल भी सामने आया जिसके बाद रिया चक्रवर्ती को सुशांत के लिए ड्रग्स मुहैया कराने के आरोप में न्यायिक हिरासत में भी लिया गया था । सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है । जांच एजेंसियां इस केस की जांच में किसी भी एंगल को नहीं छोड़ना चाहती इसलिए इसका फ़ैसला आने में वक्त लग रहा है ।