सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से फ़िल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म, खेमेबाजी जैसे मुद्दे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं । कहा जा रहा है कि सुशांत इसी नेपोटिज्म का शिकार हुए । फ़िल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई फ़िल्मी हस्तियों को निशाना बनाया जा रहा है । नेपोटिज्म को लेकर सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा करण जौहर और आलिया भट्ट को ट्रोल किया जा रहा है । और अब इस मुद्दे में आलिया भट्ट की मम्मी सोनी राजदान ने अपना रिएक्शन दिया है ।
सोनी राजदान ने हंसल मेहता के नेपोटिज्म ट्वीट पर किया रिएक्ट
दरअसल फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने ट्विटर पर नेपोटिज्म के मुद्दे पर अपनी बात रखी । हंसल मेहता ने कहा है कि, 'नेपोटिज्म की इस बहस को और ज्यादा व्यापक होना चाहिए । मेरिट सबसे ज्यादा देखी जाती है । मेरे बेटे को दरवाजे के भीतर कदम रखने दिया गया मेरी वजह से । और क्यों नहीं । लेकिन वो सर्वश्रेष्ठ काम का अहम हिस्सा रहा है क्योंकि वो टैलेंटेड है, डिसिप्लिन है, मेहनती है और उसमें भी मुझे जैसे गुण हैं । इसलिए नहीं कि वह मेरा बेटा है ।''
This nepotism debate must be broadened. Merit counts most. My son got a step in the door because of me. And why not. But he's been an integral part of my best work because he is talented, disciplined, hardworking and shares similar values as me. Not just because he's my son.
— Hansal Mehta (@mehtahansal) June 23, 2020
हंसल मेहता के इस ट्वीट का जवाब देकर सोनी राजदान चर्चा में आ गई । उन्होंने हंसल मेहता के सवालों का जवाब देते हुए ट्वीट किया, 'किसी चर्चित शख्सियत का बेटा या बेटी होने पर लोगों को आपसे उम्मीदें भी बहुत ज्यादा होती हैं । यह भी है कि आज जो भाई-भतीजावाद के बारे में बोल रहे हैं उनके खुद के भी एक दिन बच्चे होंगे । और अगर वे इंडस्ट्री में शामिल होना चाहते हैं तो क्या वे उन्हें ऐसा करने से रोकेंगे ?'
The expectation that people have because of whose son or daughter you are is much more. Also thise who r ranting about nepotism today and who have made it on their own will also have kids one day. And what if they want to join the industry? Will they stop them from doing so ?
— Soni Razdan (@Soni_Razdan) June 23, 2020
हंसल ने एक साथ कई ट्वीट किए जिसमें उन्होंने लिखा, 'यह नेपोटिजम की बहस आगे बढ़ती जाएगी । काबिलियत को सबसे ऊपर रखा जाता है । मेरे बेटे को यहां मेरे कारण मौका मिलेगा । और ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए । वह मेरे बेहतरीन काम का हिस्सा रहा है क्योंकि वह टैलेंटेड है, अनुशासित है, मेहनती है और उसके भीतर वही मूल्य हैं जो मेरे भीतर हैं । केवल इसलिए नहीं कि वह मेरा बेटा है ।'
हंसल ने कहा कि 'यह सोचना गलत है कि मीडिया में हाइलाइट होकर यहां करियर बनाया जा सकता है। उनका कहना है कि अपने टैलेंट से ही यहां आगे बढ़ा जा सकता है और अगर कोई व्यक्ति किसी लायक नहीं है तो मीडिया उसे वैसा ही जवाब देता है। आगे बढ़ने के लिए केवल टैलेंट का ही इस्तेमाल किया जाता है ।'
So when people take off on nepotism they do not really address the elephant in the room. They belittle the real battle. The battle between the powerful and the rising. The battle between old and new. The battle between rigidity and change. The battle between secure and insecure.
— Hansal Mehta (@mehtahansal) June 23, 2020
Not gossip. Not airport looks. Not gym looks. Moment you use your talent and hard work as your only tools a lot of the filth that you create and later suffer from will go. Aspiration is a disease as much as it is a boon. Stop it from making you sick. Use it to grow as an artist.
— Hansal Mehta (@mehtahansal) June 23, 2020