अभिनेत्री कृतिका कामरा जल्द ही अपने होमटाउन मध्य प्रदेश जाएंगी, जहां वे उन महिला कारीगरों से मुलाकात करेंगी, जो उनके 2024 में शुरू किए गए अनोखे फैशन पहल का अहम हिस्सा हैं। यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और पारंपरिक कला को संरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। कृतिका का मानना है कि हमें उन लोगों का समर्थन करना चाहिए, जो हमारी रचनात्मक दृष्टि को साकार करने में मदद करते हैं।
कृतिका कामरा दे रही हैं महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
कृतिका अपने इस सफर में उन हुनरमंद महिला कारीगरों के साथ समय बिताएंगी, जिन्होंने उनके इस पहल को निरंतर सहयोग दिया है। वे इस बात को अच्छी तरह समझती हैं कि ज़मीनी स्तर की प्रतिभाओं को अवसर देना और उनके योगदान को पहचानना कितना महत्वपूर्ण है, खासकर हथकरघा और कपड़ा उद्योग में, जिसका चंदेरी, मध्य प्रदेश से गहरा जुड़ाव है।
अपनी इस यात्रा के बारे में कृतिका कामरा कहती हैं, “मध्य प्रदेश मेरे दिल के बहुत करीब है। यह सिर्फ मेरा होमटाउन नहीं है, बल्कि यही वह जगह है जहां से मुझे अपने एथनिक वियर के लिए प्रेरणा मिलती है। मैं हमेशा से अपने राज्य के लोगों, खासकर महिला कारीगरों, की किसी न किसी तरह मदद करना चाहती थी। मेरी सफलता में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। उनकी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा को पहचानना और उनकी सराहना करना मेरा कर्तव्य है। यह यात्रा सिर्फ उनसे मिलने के लिए नहीं, बल्कि उनकी प्रेरणादायक कहानियों से सीखने और उनसे एक मज़बूत रिश्ता बनाने के लिए भी है।”
कृतिका आगे कहती है, “मेरी माँ मध्य प्रदेश से हैं, इसलिए इस राज्य और यहां के लोगों से मेरा एक व्यक्तिगत और गहरा जुड़ाव है। बचपन से ही मेरी माँ ने मुझे चंदेरी की खूबसूरती, इसके लोगों और यहां की पारंपरिक हथकरघा कला से परिचित कराया। जब हमने इस पहल की शुरुआत की थी, तब हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य महिलाओं को रोज़गार देना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और उनके काम को एक नया मंच देना था। हम लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार मिले, उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले और उनका जीवन स्तर ऊँचा हो सके। एक अभिनेत्री के रूप में, मेरा हमेशा से मानना रहा है कि हमें अपने माध्यम का उपयोग अगली पीढ़ी की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए करना चाहिए। जैसे-जैसे हमारी पहल आगे बढ़ेगा, हम और अधिक महिलाओं को इससे जोड़कर उन्हें सशक्त करने का प्रयास करेंगे।”
कृतिका का यह पहल पारंपरिक हथकरघा कला को एक आधुनिक रूप में प्रस्तुत करता है, और वह इसकी हर प्रक्रिया में व्यक्तिगत रूप से गहरी रुचि रखती हैं। उनकी यह यात्रा महिला कारीगरों के साथ जुड़ाव को और मज़बूत करने और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।