जब से आमिर खान प्रोडक्शंस की फ़िल्म लापता लेडीज ऑस्कर 2025 की दौड़ से बाहर हुई है, तब से एक नई बहस छिड़ गई है । हाल ही में जब बॉलीवुड हंगामा राउंडटेबल पर बॉलीवुड के दिग्गज फिल्ममेकर्स एक साथ आए तो उन्होंने लापता लेडीज के ऑस्कर 2025 की दौड़ से बाहर होने की वजह को डिकोड किया । बॉलीवुड हंगामा फिल्ममेकर्स राउंडटेबल 2024 के दौरान फिल्ममेकर कबीर खान ने तो यह भी कहा कि भारत में ऑस्कर को लेकर इतना क्यों जुनून है जबकि ये तो एक अमेरिकी अवॉर्ड शो है ।
कबीर खान ने ऑस्कर को लेकर बढ़ते जुनून पर हैरानी जताई
फिल्म निर्माता कबीर खान ने ऑस्कर को लेकर बढ़ते जुनून पर हैरानी जताते हुए कहा, “समस्या यह है कि हम ऑस्कर के प्रति बहुत अधिक जुनूनी हो रहे हैं । यह एक अमेरिकी अवॉर्ड्स शो है, कोई अंतर्राष्ट्रीय अवॉर्ड शो नहीं ; हमें इस बहस में क्यों उलझना है ? कान्स एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है। तो हम ऑस्कर से मान्यता की उम्मीद क्यों कर रहे हैं ?”
कबीर खान ने आगे क्लियर करते हुए कहा कि तो ऐसे अवॉर्ड को न मिलने से निराश नहीं होना चाहिए । कबीर ने कहा, “यह 150 देशों के लिए एक पुरस्कार है। मुझे नहीं लगता कि अगर आपको नॉमिनेट नहीं किया जाता है तो किसी को निराश होने की ज़रूरत है। मुझे बस यह तरीका पसंद नहीं है ।”
विक्रमादित्य मोटवानी ने ऑस्कर नामांकन के ठोस लाभों पर प्रकाश डाला, लेकिन स्वीकार किया कि प्रचार अक्सर असंगत होता है । उन्होंने बताया, “इससे भी बुरी बात यह है कि 'ऑस्कर-नामांकित' टैग होता है । टैग से परे, इसके बाद एक वास्तविक आर्थिक लाभ होता है ।”
मोटवानी ने विस्तार से बताया कि कैसे ऑस्कर नॉमिनेशन किसी देश के फिल्म उद्योग की प्रतिष्ठा को ग्लोबल लेवल पर बढ़ा सकता है । उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “जब किसी देश की फिल्म ऑस्कर में सेलिब्रेट की जाती है, तो यह अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से पूरे उद्योग के लिए एक लाभ है। लेकिन हाँ, हम ऑस्कर को बहुत ज़्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं ।”