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साल 2016 में आलोचकों और दर्शकों द्दारा सराही गई तापसी पन्नू अभिनीत फ़िल्म पिंक हर किसी के लिए एक मिसाल बन गई है । फ़िल्म पिंक उस पुरुषवादी मानसिकता के खिलाफ़ कड़ा संदेश देती है जिसमें महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग पैमाने पर रखा जाता है । यह फ़िल्म भारतीय महिलाओं द्दारा हर दिन झेली जाने वाली असमानता और पाखंड जैसी तमाम जटिल समस्याओं को दर्शाती है साथ ही अपने अधिकारों के लिए लड़ने की अनूठी कहानी है । और अब सुनने में आ रहा है कि यह फ़िल्म कई जगहों पर एक आंदोलन लेकर आ गई है ।

आपको बता दें कि, कर्नाटक के मैंगलूर जिले के पास एक छोटे से शहर की छह लड़कियों ने फिल्म ‘पिंक’ देखने के बाद, संयुक्त रूप से एक भोजनालय शुरू करने की योजना बनाई । इसमें केवल महिलाओं को रोजगार दिया जाएगा । इसके जरिए विशेष रूप से छोटे शहरों की महिलाओं को समान अधिकार देना है, जिससे सकारात्मक संदेश दिया जा सके । जब तापसी को इस बात का पत चला तो तापसी बहुत खुश हुईं । उनकी फ़िल्म महिला अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित कर रही है, इस बात से तापसी बहुत रोमांचित हैं । इसलिए तापसी ने इस कैफ़े से जुड़ने का फ़ैसला किया । तापसी 'पिंक कैफे' नामक इस भोजनालय की स्पांसर बनेंगी ।

पिंक कैफ़े से जुड़कर तापसी ने कहा, “जब यह मैंने सुना तो काफी प्रभावित हुई कि फिल्म कई स्तरों पर प्रेरणा बन सकेगी । यह पुरस्कृत होने जैसा है कि इससे कोई सकारात्मक संदेश ले रहा है और उदाहरण के तौर पर इस कैफे की तरह यह वास्तविक बन रहा है ।”

युवतियों की पसंद और समाज में उनकी इज्जत करने की प्रासंगिकता को मजबूती से दिखाने वाली इस फ़िल्म को अनिरुद्द रॉय चौधरी,द्दारा निर्देशित किया जिसमें तापसी पन्नू, अमिताभ बच्चन, कीर्ति कुल्हाड़ी, एंड्रिया तेरियांग, अंगद बेदी सहित कई अन्य कलाकार नजर आए थे । यह फ़िल्म बीते साल साल्मोनेला सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी ।