सीबीआई सुशांत सिंह राजपूत की मौत का राज खोलने के लिए हर एंगल से जांच कर रही है । जहां एक तरफ़ सीबीआई ने सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को अपने तरीके से जांच करवाने के लिए AIIMS के फ़ॉरेंसिक एक्सपर्ट्स डॉक्टरों की एक टीम बनाई है । वहीं अब CBI सुशांत कि साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी करवाना चाहती है जिसका सरल शब्दों में मतलब है कि सुशांत के दिमाग में क्या चल रहा था, इसको सीबीआई समझने की कोशिश करेगी । सेंट्रल फरेंसिक साइंस लेबोरेटरी CFSL इस प्रक्रिया को अंजाम देगी । दरअसल, सुशांत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर शुरू से ही कई तरह से सवाल उठ रहे हैं जिसके लिए अब सीबीआई इसे अपने तरीके से जांच करवाने में जुट गई है ।

सुशांत सिंह राजपूत की सुसाइड मिस्ट्री सुलझाने के लिए CBI कराएगी साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी यानि सुशांत के दिमाग का पोस्टमॉर्टम

सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी के हर पहलू का विश्लेषण किया जाएगा

साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी का मतलब असल में दिमाग का पोस्टमॉर्टम होता है । लेकिन साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी तभी होती है जब आप कहीं न कहीं इसे सुसाइड के साथ जोड़कर देखते हैं । सुशांत की शुरूआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह की फांसी से दम घुटना बताया गया । लेकिन अब उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई कमियां सामने आ रही है जैसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मरने का वक्त नहीं है, जो कि बड़ी कमी है । इसलिए CBI सुशांत की साइकोलॉजिककल ऑटोप्सी पर विचार कर रही है ।

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खबरों की मानें तो, साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी में सुशांत की जिंदगी के हर पहलू का विश्लेषण किया जाएगा । इसमें सुशांत के परिवार और दोस्तों के साथ उनकी बातचीत, व्यवहार का तरीका, मूड स्विंग्स, सोशल मीडिया पोस्ट्स वगैरह का ऐनालिसिस होगा । सुशांत की मौत के पहल उनकी मेंटल स्टेट क्या थी, इसको भी जांचा जाएगा । साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी यानि दिमाग का पोस्टमॉर्टम में ये पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या ये सुसाइड है ? अगर हां तो उस वक्त उसकी मानसिक हालत क्या थी ? इसमें ये देखा जाता है कि मौत से हफ्ता दस दिन पहले तक उसके बर्ताव में क्या बदलाव आए ।