बीते साल #MeToo आंदोलन ने बॉलीवुड में एक तूफ़ान सा मचा दिया था । #MeToo अभियान के तहत बॉलीवुड इंडस्‍ट्री के कई अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोप लगे थे । यौन उत्पीड़न एवं बलात्कार की खौफनाक कहानियों के साथ कई महिलाएं सामने आई और तभी से इस आंदोलन ने एक उग्र रूप अख्तियार कर लिया है । और अब बीजेपी सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने #MeToo आंदोलन पर अपनी राय रखी है । शत्रुघ्न सिन्हा ने लेखक ध्रुव सोमानी की किताब 'ए टच ऑफ एविल' के लॉन्च पर #MeToo आंदोलन पर खुलकर बात करते हुए कहा कि, वह भाग्यशाली हैं कि उनका नाम कभी #MeToo आंदोलन में नहीं आया ।

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शत्रुघ्न सिन्हा ने #MeToo आंदोलन को अलग दिशा दी

ईवेंट के दौरान इस आंदोलन के बारें में बात करते हुए शत्रुघ्न ने कहा कि, "आज मीटू का समय है और कहने में कोई शर्म या संकोच नहीं होना चाहिए कि सफल व्यक्ति के पतन के पीछे महिला है । मैंने इस आंदोलन में जो देखा है उसमें सफल पुरुषों की परेशानियों और बदनामी के पीछे ज्यादातर महिलाएं हैं । मैं वास्तव में खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि आज के समय में तमाम हरकतें करने के बावजूद मेरा नाम मीटू आंदोलन में नहीं आया । इसलिए, मैं अपनी पत्नी की बात मानता हूं और कभी-कभार अपनी पत्नी को कवच बनाकर चलता हूं ताकि कुछ न हो तो भी मैं दिखा सकूं कि 'मैं खुशहाल शादीशुदा हूं, मेरा जीवन अच्छा है ।'

सिन्हा ने अपनी पत्नी की तारीफ़ करते हुए कहा उनकी पत्नी पूनम एक 'देवी' हैं और उनका 'सबकुछ' हैं । उन्होंने आगे यह भी कहा कि, "अगर मेरे बारे में कोई कुछ कहना भी चाहे तो प्लीज मत कहना और यहां भी अगर कोई पुरानी सहेली बैठी हो तो जरा मेरा ख्याल रखना ।''

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हालांकि, उन्होंने बाद में अपनी सफ़ाई देते हुए कहा कि वह #MeToo आंदोलन का मज़ाक नहीं उड़ा रहे हैं, वह इसका सम्मान करते हैं और उन महिलाओं को सराहते हैं जिन्होंने आगे बढ़कर इसका खुलासा किया । इसी के साथ उन्होंने कहा कि, कृपया #MeToo आंदोलन पर उनकी टिप्पणी को एक 'साफ़ हास्य' के तौर पर लिया जाना चाहिए ।