संजय लीला भंसाली की मच अवेटेड ओटीटी प्लेटफॉर्म डेब्यू सीरीज हीरामंडी रिलीज हो गई है, जिसे दर्शकों और क्रिटिक्स दोनों से पॉजिटिव रिव्यू मिल रहा है। हीरामंडी जैसी सीरीज, जिसके 8 एपिसोड हैं, दर्शकों को लाहौर के शुरुआती 1900 के दशक की एक दुनिया में ले जाता है, जहां उस दौर की माहौल को अनोखे ढंग से कैमरे ने कैद किया गया है।

संजय लीला भंसाली की हीरामंडी में 1900 के दशक के लाहौर को दिखाने के लिए सैकड़ों कारीगरों ने 10 महीने में तैयार किया सेट

हीरामंडी में 1900 के दशक के लाहौर को दिखाया

हीरामंडी में तवायफों की आकर्षक जीवनशैली से लेकर शहर की दीवारों और दुकानों को सजाने वाली गहरी सुलेख तक, हर पहलू दर्शकों को उस वक्त की कहानी में ले जाता है, जिसमें सबको गुज़रे हुए ज़माने को दोबारा जीने का मौका मिलता है। सबसे ज्यादा इंप्रेस करने वाली बात पर्दे के पीछे की कम्किटमेंट है। जी हां! जैसा कि पता चला है कि भंसाली के विजन के मुताबिक सेट को आकार देने में सैकड़ों श्रमिकों ने कड़ी मेहनत की है और उन्होंने पुराने लाहौर को फिर से लगभग 10 महीने में बनाया है।

दो दशक पहले भंसाली के दोस्त मोइन बेग द्वारा 14 पेज के कांसेप्ट के रूप में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट ने स्क्रीन पर आने से पहले एक बड़े बदलाव की यात्रा तय की है । भंसाली द्वारा इसे सीरीज के रूप लाने के फैसले से किरदारों और कहानियों को सामने लाना मुमकिन हो गया, जिससे इतिहास और संस्कृति से भरी दुनिया को स्क्रीन पर जीवंत किया जा सका ।

संजय लीला भंसाली द्वारा डायरेक्ट की गई, हीरामंडी: द डायमंड बाज़ार एक आठ-पार्ट की सीरीज है, जो मई में नेटफ्लिक्स पर 190 देशों में रिलीज़ को जा चुकी है।