इस साल की बहुप्रतिक्षित मेगाबजट फ़िल्म आरआरआर अपनी तय रिलीज डेट, 7 जनवरी 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज नहीं हो पाएगी । कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के कारण आरआरआर के मेकर्स ने फ़िल्म की रिलीज डेट पोस्टपोन करने का फ़ैसला किया । जूनियर एनटीआर, राम चरण स्टारर आरआरआर की नई रिलीज डेट जल्द ही अनाउंस कर दी जाएगी । लेकिन फ़िल्म की रिलीज डेट पोस्टपोन होने से आरआरआर के मेकर्स को करोड़ों रु का नुकसान हुआ है ।

जूनियर एनटीआर, राम चरण की मेगाबजट फ़िल्म RRR के पोस्टपोन होने से मेकर्स को हुआ 18-20 करोड़ रु का नुकसान, प्रमोशन पर बहाया पानी की तरह पैसा

आरआरआर की रिलीज डेट पोस्टपोन होने से हुआ करोड़ों रु का नुकसान

क्योंकि रिलीज डेट 7 जनवरी तय की गई थी इसलिए फ़िल्म का प्रमोशन जोर शोर से शुरू हो चुका था और और फ़िल्म के प्रमोशन पर पानी की तरह पैसा बहाया गया । आरआरआर के प्रमोशन पर अब तक तकरीबन 18-20 करोड़ रु खर्च हुए जो पोस्टपोन होने से पूरी तरह बर्बाद हो गए । देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेकर्स ने अपनी फ़िल्म की रिलीज अनिश्चित काल के लिए पोस्टपोन कर दी है इसलिए मेकर्स को भारी नुकसान हुआ है । हैदराबाद के सूत्र ने बताया कि इस बार एस एस राजामौली 7 जनवरी को आरआरआर को रिलीज करने के लिए "अति-अडिग" थे । सूत्र ने बताया, “प्रोड्यूसर से लेकर एक्टर्स तक सभी का उन्हें पूरा सपोर्ट था । लेकिन कोरोना से बिगड़े हालातों ने सब प्लानिंग फ़ेल कर दी और राजामौली को न चाहते हुए भी अपनी फ़िल्म की रिलीज डेट पोस्टपोन करनी पड़ी ।”

फ़ैंस पर खर्च किए 2 से 3 करोड़ रु

7 जनवरी होने वाली आरआरआर के प्रमोशन पर पानी की तरह पैसा बहाया गया जिसकी लागात तकरीबन 18-20 करोड़ रुपये आई । इसमें राम चरण और जूनियर एनटीआर के फ़ैंस को आंध्र से बाहर के राज्यों में ले जाने में ही करीब 2 से 3 करोड़ रु खर्च हो गए ।

सूत्र ने बताया, “राजामौली जानते हैं कि आरआरआर के दो मुख्य अभिनेता राम चरण और जूनियर एनटीआर की आंध्रप्रदेश के बाहर फ़ैन फ़ोलोइंग कम है । मुंबई और बाहर के अन्य शहरों में मीडिया/मार्केटिंग ईवेंट्स के लिए, आंध्र से दोनों लीड एक्टर्स के फ़ैंस को साथ ले जाया गया और उन्हें लग्जरी होट्स में रुकाया गया । इस लग्जरी फ़ैसिलिटी देने के बदल उन फ़ैंस को बस अपने चहेते स्टार के लिए तालियां और सीटी बजानी थी ।”

खर्च की भरपाई संभव नहीं

सूत्रों का कहना है कि इस खर्च की भरपाई होना संभव नहीं है । साउथ के सुपरस्टार कहे जाने वाले रजनीकांत और कमल हासन से लेकर दुलकर सलमान और प्रभास तक हिंदी भाषी क्षेत्रों में फ़्लॉप साबित हुए । हालांकि प्रभास की बाहुबली ने भारत के नोर्थ रीजन में अच्छी कमाई की थी । लेकिन इसके बाद आई उनकी फ़िल्में कुछ कमाल नहीं दिखा पाई । साहो बुरी तरह से फ़्लॉप साबित हुई थी । वहीं राम चरण का हिंदी डेब्यू जंजीर, जो अमिताभ बच्चन की कल्ट क्लासिक फ़िल्म जंजीर का रीमेक थी, भी बुरी तरह से फ़्लॉप साबित हुई थी ।

एक बार जब मैंने मलयालम अभिनेता फहाद फ़ासिल से पूछा कि वह बॉलीवुड में आना क्यों नहीं पसंद कर रहे हैं तो उन्होंने विनम्रतापूर्वक कहा, “ऐसा नहीं है कि मैं बॉलीवुड में अभिनेताओं और निर्देशकों की प्रशंसा नहीं करता । मैं आमिर खान की फिल्मों का बहुत बड़ा फैन हूं । लेकिन बॉलीवुड में स्टार बनने की मेरी कोई बड़ी महत्वाकांक्षा नहीं है । एक तो, मैं हिंदी में नहीं सोचता और इसलिए उस भाषा में भाव भी नहीं दे सकता । दूसरी बात ये है कि, मुझे नहीं लगता कि मलयालम में फिल्में करना पैन इंडिया रीच में बाधा है ।”