प्रियंका चोपड़ा ने भारतीय सेना द्दारा पाकिस्तान पर पुलवामा हमले के बाद किए गए कार्यवाही का समर्थन क्या किया, उन पर एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तानी महिला ने ढोंगी होने का आरोप लगा दिया । बता दें कि, पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय एयरफोर्स के हमले के बाद प्रियंका ने अपने ट्वीट में 'जय हिंद, भारतीय सेना' लिखा था । इसके बाद महिला का कहना था कि संयुक्त राष्ट्र सद्भावना दूत होते हुए उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था । पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने भी यूनिसेफ (UNICEF) को चिट्ठी लिखकर प्रियंका चोपड़ा को हटाने की मांग की । अब इस मामले में संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने प्रियंका का समर्थन किया है ।

प्रियंका चोपड़ा के 'जय हिंद' ट्वीट पर भड़के पाकिस्तान को UNICEF ने दिया करारा जवाब

प्रियंका चोपड़ा के बचाव में सामने आया यूनिसेफ

प्रियंका के ट्वीट पर भड़की पाकिस्तानी महिला और अन्य पाकिस्तानियों ने UNICEF से प्रियंका को यूएन की गुडविल एंबेसडर फॉर पीस के पद से हटाने की मांग की । जिसके बाद प्रियंका के समर्थन में कंगना रनौत, ईशा कोप्पिकर, जावेद अख्तर और आयुष्मान खुराना खुलकर सामने आए । और अब प्रियंका के बचाव में खुद UNICEF भी आ गया है ।

UNICEF के प्रवक्ता ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है कि संयुक्त राष्ट्र सद्भावना दूत प्रियंका किसी भी मुद्दे पर बोलने का अधिकार रखती हैं । अगर वो अपनी निजी राय रखती हैं तो वो किसी भी मुद्दे पर बोल सकती हैं ।

प्रियंका किसी भी मुद्दे पर बोलने का अधिकार रखती हैं

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा कि, "जब यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर्स अपनी व्यक्तिगत क्षमता में बोलते हैं, तो वे उन मुद्दों के बारे में बोलने का अधिकार रखते हैं जो उनकी रुचि और चिंता से जुड़े होते हैं । उनके निजी विचार और एक्शन यूनिसेफ को प्रभावित नहीं करते हैं । जब वे यूनिसेफ की तरफ से बोलते हैं तब हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे यूनिसेफ की निष्पक्ष नीति पर अडिग रहे ।''

इसी के साथ उन्होंने यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर्स के रोल के बारे में बताते हुए कहा- ''यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर वे अहम लोग हैं जो अपना समय और अपनी पब्लिक प्रोफाइल का बच्चों के अधिकारों को प्रमोट करने के लिए वॉलंटियर करते हैं ।''

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गौरतलब है कि, इससे पहले पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने एक खत यूनीसेफ को लिखा । इस खत में शिरीन ने लिखा है कि 'प्रियंका ने सार्वजनिक तौर से भारत सरकार की कश्मीर नीतियों का समर्थन किया है । इसके साथ ही परमाणु हमले की धमकी का समर्थन किया है । यह सब पूरी तरह से शांति और सद्भावना के सिद्धांतों के खिलाफ है । प्रियंका को शांति और सद्भावना बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सद्भावना दूत नियुक्त किया गया है ।'