मशहूर दिवंगत लेखक खुशवंत सिंह की किताब 'टर्बन टोर्नेडो' पर फिल्म बनने जा रही है, और इस फिल्म का नाम होगा फौजा । यह फिल्म सिख सुपरमैन के नाम से मशहूर मैराथन धावक फौजा सिंह पर आधारित है । यह फिल्म 109 वर्षीय फौजा सिंह की वास्तविक जीवन की कहानी है  (जिसे सिख सुपरमैन के रूप में जाना जाता है) जिन्होंने मैराथॉन धावक के रूप में विश्व रिकॉर्ड तोड़कर, इस उम्र में भी अपनी  ऊर्जा संचार का प्रदर्शन कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया था । ओमंग कुमार इस फ़िल्म को डायरेक्ट करेंगे जबकि राज शांडिल्य और कुणाल शिवदसानी इस फ़िल्म को प्रोड्यूस करेंगे ।

मैरी कॉम और सरबजीत के बाद अब दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह की जिंदगी पर फ़िल्म बनाएंगे ओमंग कुमार

ओमंग कुमार बनाएंगे फिल्म फौजा

ओमंग कुमार बी द्वारा निर्देशित यह फिल्म फौजा सिंह के जीवन पर आधारित है जो दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथॉन धावक हैं । यह फिल्म उनकी प्रेरणादायक एवं उतार-चढ़ाव वाली यात्रा को दर्शाएगी । मैरी कॉम और सरबजीत  जैसी फिल्मों का निर्देशन और सह-निर्माण कर चुके ओमंग कुमार बी का मानना है, “फौजा सिंह की कहानी उनके खिलाफ खड़ी की गई अजीबोगरीब बाधाओं को दर्शाती है । उनकी  इच्छाशक्ति उन्हें अपने पैरों  पर खड़ा करती है, जिन्हें  समाज और उनकी उम्र के कारण चिकत्सीय  रूप से चुनौती दी जाती है ।”

निर्माता कुणाल शिवदसानी, अलेया मोशन मैजिक का मानना हैं, “यह एक ऐसे व्यक्ति की खूबसूरत कहानी है जिसे मैराथॉन में दौड़ने के जुनून का एहसास होता है, जो उसके वर्ल्ड आइकॉन के रूप में पहचान दिलाने वाली एपिक यात्रा को दर्शाती है । अंतत: जिसने उन्हें मानवता में बदलाव लाकर दुनिया पर अपना  प्रभाव बनाने के लिए निर्देशित  किया ।

ओमंग मेरे बहुत करीबी  दोस्त हैं और इस फिल्म के लिए हम दोनों ही एक सामान दृष्टिकोण साझा करते है । उन्होंने मैरी कॉम और सरबजीत जैसी दो सफल बॉयोपिक फिल्मों का निर्देशन किया है, इन फ़िल्मों को देश की सर्वश्रेष्ठ बायोपिक में से एक  मानी जाती है । इस फिल्म के लिए हम दोनों ही एक समान दृष्टिकोण साझा करते है, इसलिए हमने सर्व सहमति से ओमंग को इस फिल्म के निर्देशन के लिए चुना । हम दर्शकों के समक्ष यह फिल्म प्रस्तुत करने के लिए बेहद उत्साहित हैं क्योंकि हम जानते हैं कि वे पिछले कुछ  समय से सिनेमा से वंचित रहे हैं ।”

साथी निर्माता, राज शांडिल्य कहते हैं, “फौजा सिंह एक रियल हीरो हैं यह एक ऐसी  है जो हमें एक  ऐसे सफर पर लेकर जाएगी जहाँ हमें यह एहसास होगा कि हमारे दादा दादी किस उतर चढाव से गुज़रें हैं ,और हमें इस फिल्म से तुरंत जोड़ेगी ।”