ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर बिना किसी सेंसरशिप के फ़िल्में और वेब सीरिज का आना, अब लगता है कि अतीत की बात होने जा रही है । सूचना और प्रसारण मंत्रालय अब इस बारें में एक्शन लेने की तैयारी करने जा रहा है । कहा जा रहा है कि ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर भी अब कोई भी कंटेंट, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सेंसरशिप दिशानिर्देशों के तहत ही आएंगे ।

मिर्जापुर में बेखौफ़ कंटेंट परोसने वाली टीम ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर सेंसरशिप लागू करने के विचार से घबराई

ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर गंभीरता से सोचना होगा

डिजीटल प्लेटफ़ॉर्म पर आ रहे वेब शोज को अपने आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर गंभीरता से सोचना होगा । मिर्ज़ापुर के लोकप्रिय कलाकार ने मुझे बताया कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर नए सेंसरशिप नियमों को लेकर उनकी टीम में घबराहट का माहौल है । “हम आपस में इस बारे में बात कर रहे हैं । मिर्जापुर में हमारी यूएसपी ठेट कंटेंट, बेखौफ़ प्लॉटलाइन और ऑथेंटिक डायलॉग्स हैं । सीरिज के किरदार उत्तरी बेल्ट में असली गैंगस्टर की तरह अपने डायलॉग्स बोलते हैं । उन्हें अब अपने बीसी और एमसी पर गंभीर रूप से अंकुश लगाना होगा । यह अब पहले जैसा नहीं होगा ।”

हालांकि बीजेपी सरकार के करीबी सूत्र का कहना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को डरने की जरूरत नहीं है । सूत्र ने कहा, “ऐसा नहीं है कि रातों-रात उन्हें अपने आपत्तिजनक कंटेंट को बदलने के लिए कहा जाएगा । डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म असल में एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहां फ़िल्ममेकर, जो दिखाना चाहता है, दिखा सकता है । जबकि सिनेमा में उसे ये आजादी नहीं होती है ।”

वयोवृद्ध गीतकार मीडिया कमेंटेटर अमित खन्ना को लगता है कि डिजिटल फिल्म निर्माताओं को घबराने की कोई जरूरत नहीं है । “फ़िलहाल कुछ भी नहीं बदलेगा । अधिसूचना केवल व्यावसायिक नियमों में बदलाव के बारे में है, जिसका अर्थ है कि डिजिटल कंटेंट, जो वर्तमान में आईटी मंत्रालय द्वारा प्रशासित की जा रही थी, अब I & B मंत्रालय द्वारा देखा जाएगा । यह वास्तव में अच्छा है क्योंकि कंटेंट और प्लेटफ़ॉर्म दो अलग-अलग इकाइयां हैं । सुप्रीम कोर्ट में सरकार के बयान के अनुसार, ऑनलाइन सामग्री में स्व-विनियमन होगा ।”