पद्मावत के बाद दीपिका पादुकोण की अगली फिल्म को लेकर काफ़ी अटकलें लगाई जा रही थी । अब सुनने में आ रहा है कि दीपिका पादुकोण ने अपनी अगली फिल्म के लिए निर्देशक मेघना गुलजार के साथ हाथ मिलाया है । दीपिका पादुकोण की अगली फ़िल्म एसिड हिंसा की शिकार लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी पर आधारित होगी । इस शीर्षकहीन फ़िल्म में न सिर्फ दीपिका अभिनय करेंगी, बल्कि वह फिल्म का निर्माण भी कर रही है । अभिनेत्री ने इस फिल्म के साथ निर्माण के क्षेत्र में अपना डेब्यू करना का निर्णय लिया है ।

दीपिका पादुकोण एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की पीड़ा और हिम्मत को पर्दे पर उतारेंगी

दीपिका पादुकोण के दिल को छू गई कहानी

फिल्म के बारे दीपिका ने कहा कि, ''जब मैंने कहानी सुनी, तो मैं उसकी की गहराई में चली गयी । यह सिर्फ एक हिंसा की कहानी नहीं है बल्कि ताकत, साहस, आशा और जीत की कहानी है । इसका मुझ पर इतना बड़ा प्रभाव पड़ा है मुझे लगा की व्यक्तिगत और रचनात्मक रूप से आगे बढ़ने की आवश्यकता है और इसलिए निर्माता बनने का निर्णय लिया ।

मेघना गुलजार के साथ इस फ़िल्म में दीपिका फ़िल्म निर्माण भी करेंग़ी

मेघना के साथ काम करने के बारे में दीपिका ने कहा- "मैं मेघना के काम से बहुत प्रभावित हूं और उसके साथ सहयोग करने से बहुत रोमांचित भी हूं उम्मीद करती हूं की यह फिल्म हमारी यात्रा की शुरूआत होगी ।

लक्ष्मी एक विनम्र और अप्रतिबंधित पृष्ठभूमि से तालुक्क रखती है, और साल 2005 में 15 साल की उम्र में नई दिल्ली बस स्टॉप पर लक्ष्मी एसिड हमले का शिकार हो गयी थी । उसका हमलावर उसकी उम्र से दो गुना बड़ा एक उम्रदराज आदमी था, जो उसके परिवार को जानता था और लक्ष्मी से शादी करना चाहता था लेकिन लक्ष्मी ने स्पष्ट रूप से इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था ।

लक्ष्मी की कहानी के माध्यम से, फिल्म में भारत देश में होने वाले एसिड हमले से बचने के आधारभूत परिणामों को समझने का प्रयास किया जाएगा, मेडिकल-कानूनी-सामाजिक स्थिति जो कि एसिड हमले के बाद फैलती है और चेहरे को अपरिवर्तनीय रूप से जला देती है ।

हालांकि फिल्म में हमले के 10 साल बाद के सफ़र का प्रदर्शन किया जाएगा, लेकिन कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुप्रीम कोर्ट का गेम बदल देने वाला पीआईएल है, जिसने 2013 में एसिड कानूनों में संशोधन को प्रेरित किया है ।

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विभिन्न कथाओं के साथ अंतर्निहित, फिल्म एक किरदारपूर्ण जांच का टुकड़ा है, जो एक आकर्षक कोर्टरूम नाटक से घिरा हुआ है । यदि कहानी को एक पंक्ति में सम्मिलित करना है, तो यह एक निर्विवाद मानव भावना के विजय की कहानी है ।