सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) और उसके पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी के बीच घमासान खत्म हो गया है । जब निहलानी ने सीबीएफसी से अपनी फिल्म जूली 2 (वह फिल्म के प्रस्तोता और वितरक) को प्रमाणित करने के लिए अप्रोच करने का फैसला किया था, तो मीडिया के कुछ महकमों ने उन पर संस्कारी सेंसर चीफ़, जो सेंसर सीट से हटने के बाद अपनी सॉफ़्ट-पोर्न फ़िल्म के लिए प्रमाणिकता चाहता है, का आरोप लगाया ।

अब जूली 2 को सीबीएफसी द्वारा बिना किसी भी कटौती के साथ एक 'वयस्क' प्रमाण पत्र के साथ मंजूरी दे दी गई है । पहलाज खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि, "यह वही है जिसकी मैंने आशा व्यक्त की थी । अगर मैं, अभी भी सीबीएफसी का अध्यक्ष होता तो मैं भी जूली 2 को बिना किसी कटौती के एक 'वयस्क' प्रमाण पत्र देता । यह एक परिवार के वयस्क सदस्यों के लिए एक साफ वयस्क फिल्म है । हालांकि यह एक व्यस्क फ़िल्म है- जो बॉलीवुड में संघर्ष करने वालों और नए लोगों के शोषण को दर्शाती है, लेकिन फ़िर भी इसमें जरा भी नग्नता नहीं है, कोई भी त्वचा शो नहीं, और डबल मीनिंग वाले संवाद नहीं हैं । जैसे मैंने कहा कि यह वयस्कों के लिए एक पारिवारिक फिल्म है और सीबीएफसी ने इसके साथ सही काम किया है । "

सीबीएफ़सी के एक्स चीफ़ को उनकी एडल्ट सॉफ़्ट-पोर्न फ़िल्म जूली 2 के लिए संस्कारी से असंस्कारी का आरोप लगाने और खुद पर लगे खंड के आरोप पर निहलानी ने कहा, "नरम अश्लील या नरम कोर्न, या कठोर वास्तविकता, पहले फिल्म रिलीज होने दें । दुनिया खुद जान जाएगी ।”