इंटरनेट पर एक अलग तरह का ह्यूमर परोसने वाला लोकप्रिय इंटरनेट सेंसेशन 'एआईबी नॉकआउट रोस्ट' मुह्स्किल में पड़ गया है । पाशचात्य फ़ोरमेट पर बने इस शो में अश्लील जोक सुनाकर लोगों को हंसाया जाता है । लेकिन अब ये एआईबी नॉकआउट कानूनी मुश्किल में बुरी तरह से फ़ंस गया है । और इसके शिकार हुए हैं बॉलीवु्ड अभि्नेता रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर । एआईबी नॉकआउट के एक धन उगाही ईवेंट में कई बॉलीवुड सितारों ने भाग लिया और इसके अश्लील जोक का हिस्सा बने । और इन सितारों में थे, करण जौहर, अर्जुन कपूर और रणविर सिंह, इन्होंने शो के दौरान अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए गाली-गलौज वाली भाषा का इस्तेमाल किया जिसके चलते इन सितारों के खिलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई । और इसी मामले में कोर्ट ने इन्हें कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है ।

AIB विवाद रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा

रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर ने शो के दौरान इस्तेमाल की अश्लील भाषा

गौरतलब है कि 20 दिसंबर, 2014 को रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर के साथ अन्य 8 मशहूर शख्सियतों- करण जौहर, दीपिका पादुकोण, और इस AIB दल के अन्य सदस्यों ने वर्ली में एक धर्मादा कार्यक्रम में अपनी कला का प्रदर्शन किया था । इसे बाद में यूट्यूब पर अपलोड कर दिया गया, जिससे वह सब जगह वायरल हो गया । फरवरी, 2015 में सतीश दौंडकर ने गिरगांव के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट के सामने आयोजन की शिकायत कर दी । उसका दावा था कि यह आयोजन गंदा, भौंडा और अश्लील था । कोर्ट ने इस पर इन सभी दस लोगों के विरोध में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया । इसके बाद इनके विरुद्ध पुणे में भी एक एफआईआर दर्ज की गई ।

सिंह और कपूर दोनों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, क्योंकि उन्हें पुणे पुलिस से यह समन मिला था कि उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस ने बुलाया है । उनका दावा था कि ये एफआईआर अनुचित उद्देश्य से दर्ज कराई गई हैं और उनके पीछे का इरादा ठीक नहीं है । उन्होंने कोर्ट से इन एफआईआर को खारिज करने की मांग की थी ।

AIB के हास्य कलाकार भी हुए शिकार

न्यायाधीश आर.एम. सावंत और सारंग कोटवाल की पीठ ने अभिनेताओं के वकील को निर्देश दिया कि वे मामले की दो अन्य संबंधित याचिकाओं के साथ सुनवाई करने के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी.के. तहिलरमानी की इजाजत लें । इनमें से एक याचिका AIB के हास्य कलाकार रोहन जोशी ने दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। दूसरी एक जनहित याचिका है, जो शहर के कानून के एक शिक्षक ने दायर की है। इसमें शो के आयोजकों और भागीदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इसके अलावा उच्च न्यायालय से राज्य प्राधिकारों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे यू-ट्यूब और अन्य समान वीडियो नेटवर्कों पर प्रसारित ऐसे कार्यक्रमों पर निगरानी के लिए दिशानिर्देश जारी करें ।

इस बीच अभिनेताओं ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें अंतरिम राहत प्रदान करते हुए वह पुणे और मुंबई पुलिस को निर्देश दे कि वह उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करें। पीठ ने कहा कि तीनों अर्जियों को जोड़े जाने के बाद वह इस प्रार्थना पर विचार करेगी और मामले को आगे की सुनवाई के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अदालत के पास भेज दिया ।

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2015 में उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने दीपिका पादुकोण, करण जौहर और एआईबी के सदस्यों को राहत देते हुए मुंबई और पुणे पुलिस को निर्देश दिया था कि वे इनके विरुद्ध कोई कठोर कदम न उठाएं। वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने, जो एआईबी और कपूर एवं सिंह के लिए पेश हुए थे कहा कि यह कार्यक्रम हंसी-मजाक और मनोरंजन का था। उन्होंने मांग की कि कपूर और सिंह को भी अंतरिम राहत दी जाए, क्योंकि कार्यक्रम के अन्य सदस्यों को भी ऐसी राहत दी गई है। अब इस मुद्दे पर दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी।