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लखनऊ के पास मलिहाबाद में पिछले हफ़्ते हुई कुशन नंदी की आगामी फ़िल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज की शूटिंग के दौरान  नवाजुद्दीन सिद्दीकीने शूटिंग के स्थान पर गहरे घाव, अत्यधिक खून का बहना, दर्द से कराहना जैसी  सब तकलीफ़ों का अनुभव किया ।

अब काफ़ी सुधार है और काम पर वापस लौटने के लिए बेताब हूं, नवाज कांपते हुए अपने अनुभव बताते हैं । वह बहुत बुरा अनुभव था । जब ये हुआ तब मैं ऐसी जगह था जहां सीमित चिकित्सा सुविधा थी । एक सीन के लिए मुझे अपने खाली हाथों से एक टिन के ड्रम को बजाना था । मेरे ख्याल से मैं भावनाओं में कुछ ज्यादा ही बह गया था और ड्रम को जोर-जोर से पीटने लगा ।  मेरे हाथ में गंभीर चोट लग गई थी । उसमें टांके की जरूरत थी । और तब से टिन जंग खा रहा था मुझे एंटी टिटनेस इंजेक्शन भी लेना पड़ा ।

इस अनुभव ने नवाज को न केवल सिखाया बल्कि और सावधान रहना भी सीखा दिया । जब मैं सीन कर रहा हूं तो सावधानी एक प्राथमिक महत्व नहीं है । मैं कभी-कभी आपे से बाहर हो जाता हूं मुझे खुद को पता नहीं रहता कि मैं क्या कर रहा हूं । चोट लगेगी । किरदार में घुसने की प्रक्रिया का यह एक हिस्सा है ।

मजे की बात ये है कि, नवाज़ अपनी फ़िल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज की सह-कलाकार बिदिता बाग, जो कि चित्रांगदा सिंह की जगह आईं है जब वो अचानक शूटिंग छोड़ कर चली गईं थी, की खूब तारीफ़ करते हैं ।

नवाज कहते हैं कि बिदिता एक वरदान हैं । वो कहते हैं न, जो होता है अच्छे के लिए होता है । बिदिता इस रोल के लिए एकदम सही हैं । वह खुशी के साथ काम करती हैं । वह अपने किरदार को स्वाभाविक ही समझ गईं और वह हर सीन के लिए अपनी एकाग्रता के 100 प्रतिशत देती है ।