नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (एनआईएस) के पूर्व छात्र आबिद खान की कहानी, जो अब चंडीगढ़ अनाज बाजार में एक ऑटो चालक और लोडर के रूप में काम करते है, उन्होंने देश का ध्यान अपनी तरफ़ खींच लिया है। एक कुशल राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज और एक योग्य कोच बनने और अब दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने पर मजबूर, आबिद की लाइफ स्टोरी भारत में खिलाड़ियों की दुखद स्थिति की कहानी थी । पैसे और संसाधनों की कमी ने आबिद को अपने जुनून को जारी रखने की अनुमति नहीं दी । जिसके बारे में बोलते हुए, उन्होंने पहले कहा था, “इन सभी वर्षों ने मुझे विश्वास दिलाया कि इस देश में, गरीब स्पोर्ट्स पर्सन केवल दुःख ही झेलता है। मुक्केबाजी केवल गरीब और मध्यम वर्ग के लिए है, केवल अमीर ही टेनिस, बैडमिंटन और क्रिकेट जैसे स्पोर्ट्स खेल सकते हैं ।”

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आबिद खान ने फरहान अख्तर का आभार जताया

लेकिन आबिद के जीवन संघर्ष का एक वीडियो ऑनलाइन पर वायरल हो जाने के बाद उनकी किस्मत बदल गयी। हर किसी ने इस शख्स को नोटिस किया, जिसे आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को छोड़ना पड़ा । फरहान जैसे शुभचिंतक आबिद की मदद के लिए आगे आए और उन्हें कोच के रूप में फिर से बॉक्सिंग रिंग में पहुंचा दिया ।

वीडियो देखकर, बॉलीवुड अभिनेता/निर्देशक/निर्माता, फरहान अख्तर भी आबिद की दुर्दशा से सहम गए और उन्होंने ट्वीट किया, “यह दिल दहला देने वाला लेकिन बहुत प्रेरणादायक है कि इस स्पोर्ट्स पर्सन ने कितनी बेहिसाब महत्वाकांक्षा के साथ सामना किया है । क्या आप उनकी कांटेक्ट डिटेल्स साझा कर सकते हैं ?" @duggal_saurabh” साथ ही, विजेंद्र सिंह और मनोज कुमार जैसे कई अन्य मुक्केबाज भी आबिद की मदद के लिए आगे आए ।

जिसके बाद, लोग आबिद के जीवन को फिर से जीवित करने के लिए आगे आए । इस जनसमर्थन के समर्थन में, आबिद ने गरीब बच्चों के साथ अपना ज्ञान साझा करने का फैसला किया । उन्होंने चंडीगढ़ के धानस में अपने रिहैबिलिटेशन कॉलोनी के फ्लैट के पास पार्क में युवाओं को कोचिंग देना शुरू किया ।

और अब, अंत में बच्चो को कोचिंग देने के अपने अधूरे सपने को पूरा करने पर आबिद ने साझा किया, “यह जानकर अच्छा लगा कि फरहान अख्तर, विजेंदर और मनोज जैसे लोग मेरा समर्थन करने के लिए आए हैं । मैं हमेशा से ऐसा करना चाहता था लेकिन कभी भी आवश्यक समर्थन और संसाधन नहीं मिला । और अब, मुझे खुशी है कि लोग मुझे पहचानने लगे हैं। फरहान, विजेंदर और मनोज ने मुझसे बात करते हुए कहा कि वे मेरी कोचिंग से बॉक्सिंग चैंपियन को बाहर आते हुए देखना पसंद करेंगे ।”

सोशल मीडिया की बदौलत, एक व्यथित बेघर परिवार की एक और ऐसी ही कहानी ऑनलाइन सामने आई थी जिसकी मदद के लिए फरहान अख्तर पहुंच गए। फरहान ने वाराणसी में एक पुजारी के परिवार की मदद करते हुए उन्हें घर बना कर दिया। फरहान का यह उदार और दयालु कृत्य तब सामने आया जब एनजीओ होप वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव दिव्यांशु उपाध्याय ने ट्वीट कर फरहान को उनके नेक काम के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “एक बेघर शिव मंदिर पुजारी के लिए हमारी अपील सुनने और उनका घर बनाने की पूरी ज़िम्मेदारी लेने के लिए @FarOutAkhtar सर को धन्यवाद। कंस्ट्रक्शन के नियमित अपडेट के लिए पिछले कई महीनों से आपके समर्पण को देखकर हम चकित हैं। यह परिवार अब ठंड में बाहर नहीं सोएगा ।”

इन जैसी कहानियों और फरहान अख्तर जैसे लोग का धन्यवाद, जो मानवता में हमारे विश्वास को अधिक मजबूत बनाते हैं और जानते हैं कि कुछ ऐसे महान लोग होते हैं जो दूसरों को जीवन की लड़ाई लड़ने में मदद करते हैं और उनके सफ़र को आसान बनाते हैं ।