फिलà¥à¤® देखने के बाद पता चलता है कि इस फिलà¥à¤® को पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ होने में इतनी देर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लगी। निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• मिलिंद उके ने बहà¥à¤¤ ही अचà¥à¤›à¥‡ विषय को चà¥à¤¨à¤¾ है, लेकिन पटकथा की ओर बिलकà¥à¤² धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ न देने की वजह से फिलà¥à¤® राह-सी à¤à¤Ÿà¤• गई है।
राहà¥à¤² पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ उदà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤° (शाहिद कपूर) सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾ मंदिर सà¥à¤•à¥‚ल से जà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥‡ तो à¤à¤• अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ शिकà¥à¤·à¤• की हैसियत से हैं, लेकिन साथ ही संगीत शिकà¥à¤·à¤• की à¤à¥‚मिका à¤à¥€ बखूबी निà¤à¤¾à¤¤à¥‡ हैं। इसमें उनका साथ देती हैं सà¥à¤•à¥‚ल की आहार विशेषजà¥à¤žà¤¾ अंजली (आयशा टाकिया)।
आरà¥à¤¥à¤¿à¤• परेशानियों से जूà¤à¤¤à¥‡ इस सà¥à¤•à¥‚ल के पà¥à¤°à¤¿à¤‚सिपल आदितà¥à¤¯ सहाय हर हाल में इसे बचाना चाहते, हैं, इसलिठवे पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन के आगे à¤à¥à¤•à¤¤à¥‡ हà¥à¤ इसका पूरी तरह से वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¥€à¤•à¤°à¤£ कर देते हैं। अब सà¥à¤•à¥‚ल की हर चीज, हर गतिविधि पर पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन और बाजार का कबà¥à¤œà¤¾ हो जाता है। हर चीज महंगी हो जाती है, पढ़ाई से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ हर वसà¥à¤¤à¥ सà¥à¤•à¥‚ल से खरीदनी पड़ती है। संगीत, खेल, किताबें, कैंटीन सब कà¥à¤› महंगे हो जाते हैं। शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ को यह सब नहीं à¤à¤¾à¤¤à¤¾, लेकिन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ अपनी नौकरियां पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ हैं।
इतना ही नहीं, अपनी छवि सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ के लिठपà¥à¤°à¤¬à¤‚धन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ और फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ करना शà¥à¤°à¥‚ कर देता है, जिसका à¤à¥à¤—तान à¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को अपनी पढ़ाई के साथ खिलवाड़ करते हà¥à¤ करना पड़ता है। इस तरह इसमें दिखाया गया है कि किस तरह बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का टीवी और विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ के वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² हो रहा है और इसका बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के जीवन पर कà¥à¤¯à¤¾ असर पड़ रहा है।
यह फिलà¥à¤® में सà¥à¤•à¥‚ली छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की जिंदगी को परà¥à¤¦à¥‡ पर दिखाती तो है, लेकिन सब कà¥à¤› इतनी तेज और कामचलाऊ अंदाज में होता है कि यह किसी टीवी शो की तरह लगती है। इसमें यह तो बताया गया है कि सà¥à¤•à¥‚ली बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ हैं, लेकिन उसका समाधान सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नहीं है।
फिलà¥à¤® के संवाद जमे नहीं हैं, हालांकि अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾à¤“ं ने अपनी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ निà¤à¤¾à¤ˆ है।
‘पाठशाला’ अपने दावे के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° फिलà¥à¤® के ‘हीरो’ को à¤à¤• कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी के रूप में साकार नहीं कर पाती है, हालांकि शाहिद कपूर ने जो कà¥à¤› à¤à¥€ किया है उसमें अपना सब कà¥à¤› देने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है। फिलà¥à¤® में उनका आकरà¥à¤·à¤£ बरकरार है।
नाना पाटेकर बेशक बेहतरीन हैं, लेकिन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उपयà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¥‚मिका न देकर उनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ का सही इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² नहीं किया गया है। नाना के वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ में कहीं-कहीं गड़बड़ नजर आ जाती होगी, लेकिन अपनी आंखों और शारीरिक हाव-à¤à¤¾à¤µ से वे खà¥à¤¦ को बखूबी अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हैं।
आयशा टाकिया बहà¥à¤¤ ही खूबसूरत और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का खयाल रखनेवाली टीचर के रूप में अचà¥à¤›à¥€ लगी हैं। बस, इससे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ और कà¥à¤› नहीं। सौरठशà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ सà¥à¤•à¥‚ल मैनेजर के रूप में जरूरत से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उà¤à¤° कर सामने आते हैं, जिससे खीज ही पैदा होती है। अंजन शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ चपरासी की à¤à¥‚मिका में जमे हैं और सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह तथा सà¥à¤·à¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾ मà¥à¤–रà¥à¤œà¥€ ने अपनी à¤à¥‚मिकाà¤à¤‚ ठीक ढंग से निà¤à¤¾à¤ˆ हैं।
शिकà¥à¤·à¤¾ के मसले पर ‘3इडियटà¥à¤¸â€™, ‘तारे जमीं पर’ और मराठी फिलà¥à¤® ‘शिकà¥à¤·à¤£à¤¾à¤šà¥à¤¯à¤¾ आईचा घो’ जैसी सारà¥à¤¥à¤• फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की कड़ी में ‘पाठशाला’ कहीं नहीं ठहरती।