साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार कहे जाने वाले विजय देवरकोंडा कोरोना संकट में मदद करने के हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए हैं । विजय देवरकोंडा अपने प्रतिष्ठित गैर-लाभकारी संगठन “द देवरकोंडा फाउंडेशन” के माध्यम से कोरोना संकट में जरूरतमंद लोगों की मदद करने में जुटे हैं । विजय ने अप्रैल 2019 में युथ द फर्स्ट जॉब प्रोग्राम के साथ राष्ट्र के युवाओं के करियर को पुनर्जीवित करने में असाधारण योगदान के लिए इसे फ़ाउंडेशन की नींव रखी थी वह इसके संस्थापक हैं ।
विजय देवरकोंडा के मिडिल क्लास फंड ने जुटाए करोड़ों रु
‘द देवरकोंडा फाउंडेशन’ ने अब तक, 17,723 मध्यम वर्गीय परिवारों को किराने का सामान और बुनियादी जरूरतों के साथ, 1.7 करोड़ रुपये खर्च करके सफलतापूर्वक सहायता प्रदान की है । हम में से हर कोई इस बात से अवगत है कि मध्यवर्गीय परिवार कैसे होते हैं, यह ऐसा तबका है जिसे व्यावहारिक रूप से मदद के लिए कोई नहीं होता है । इसलिए ऐसे समय में विजय जो खुद एक मध्यम-वर्गीय परिवार से हैं और वे काफी हद तक इस बात से अवगत हैं, मध्यम वर्ग के लोगों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक और किराने के सामान के माध्यम से इस महामारी से निपटने में मदद करने का पूरा प्रयास कर रहे है ।
पहुंचाया किराना का सामान
विजय के फाउंडेशन ने पूंजी के शून्य अपव्यय द्वारा धन और दान के उपयोग को सावधानीपूर्वक तैयार किया है, उन्होंने उन परिवारों के हर विवरण का सूक्ष्मता से आकलन किया है, जिन्होंने मदद के लिए उनसे संपर्क किया था । संगठन ने कॉरपोरेट्स से स्वेच्छाचारिता में मदद करने का आग्रह किया था जिसके बाद 535 लोगों ने इस महान नेक काम के समर्थन में हाथ बढ़ाया है और उन हजारों परिवारों की सफलतापूर्वक मदद की है जो इस संकट के दौरान काफी प्रभावित हुए है ।
विजय के फाउंडेशन ने बिना किसी प्रचार के सभी परिवारों को मदद करने का जिम्मा उठाया है, उन्होंने कई परिवारों को पुनर्जीवित कर दिया है और लोगों को उनकी कठिनाइयों में मदद करने में विजय की सक्रिय भागीदारी बिना शर्त रही है वह भी किसी भी लाइमलाइट के बिना । विजय की यह सोच और कार्य सराहनीय है क्योंकि इस मध्यम वर्ग का कोई ज्यादा ख्याल नहीं करता है । विजय ने अपने इस कार्य से सभी का दिल जीता है।
फाउंडेशन ने अब तक 17,723 मध्यम वर्गीय परिवारों को किराने का सामान और बुनियादी जरूरी सामान देकर सफलतापूर्वक, 1.7 करोड़ रुपये खर्च किए हैं । इस पहल के माध्यम से, 58,808 परिवारों को समय पर मदद मिली और 8,505 से अधिक स्वयंसेवकों ने इस सामुदायिक प्रयास में शामिल होने के लिए 1.5 + करोड़ की पेशकश की ।