अभिनेत्री से राजनेता बनी उर्मिला मातोंडकर ने महज पांच महीने के अंदर ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है । 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उर्मिला ने कांग्रेस में शामिल हुई थी लेकिन पांच महीने के अंदर ही उन्होंने कांग्रेस से अपना त्यागपत्र दे दिया है । उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस की ओर से उत्तरी मुंबई सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था जिसमें उनकी हार हुई थी । लोकसभा चुनाव में उर्मिला ने अपनी हार का ठीकरा स्थानीय कांग्रेस नेताओं पर फोड़ा था । और अब उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस पर अंदरूनी गुटबाजी का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है ।

उर्मिला मातोंडकर ने गुटबाजी का आरोप लगाते हुए महज पांच महीने में छोड़ी कांग्रेस पार्टी

उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस में गुटबाजी का आरोप लगाया

उर्मिला ने प्रेस नोट जारी कर कहा,मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी हूं । मैं पहली तब इस्तीफा के बारे में सोचना शुरू कर दिया जब मेरे बार-बार के प्रयास के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया और बाद में तब के मुंबई कांग्रेस के प्रमुख मिलिंद देवड़ा को पत्र लिखा था । बाद में मेरे पत्र को लीक कर दिया गया जो कि गोपनीय था । यह मेरे साथ विश्वासघात था ।

उर्मिला ने नौ पन्नों का नोट लिखा

उर्मिला ने आगे कहा कि कहने की जरूरत नहीं है कि पार्टी में किसी भी व्यक्ति ने मेरे बार-बार के विरोध के बावजूद माफी नहीं मांगी । गौरतलब है कि मुंबई उत्तर में कांग्रेस के घटिया प्रदर्शन के लिए विशेष रूप से जिन लोगों का मेरे पत्र जिक्र था, उनके खिलाफ उनके कृत्यों के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि उन्हें नए पदों से पुरस्कृत ही किया गया ।

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नौ पन्नों के इस पत्र में उर्मिला ने लिखा कि स्थानीय नेताओं के बीच फूट, पार्टी में नेतृत्व की कमी, कमजोर प्लानिंग से उनकी लोकसभा चुनाव में हार हुई । उर्मिला ने लिखा कि उनके लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नेताओं के बीच भेदभाव लगातार सामने आता रहा । लोकल स्तर पर पार्टी का कोई नेतृत्व नहीं था । उन्होंने यह पत्र 16 मई को मिलिंद देवड़ा को लिखा और कहा कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन उन्हें दूसरे नेताओं का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल सका ।