अदालत के चक्कर लगाते-लगाते आखिरकार अभिनेता संजय दत्त ने राहत की सांस ली । जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने संजय दत्त पर लगे बेजान आरोपों को खारिज कर दिया । सच्चाई पर जीत हासिल कर संजय काफी खुश हुए है । अपने ऊपर लगे आरोपों से मुक्त होते हुए संजय दत्त ने कहा-सच्चाई की जीत हुई ।

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बॉम्बे हाईकोर्ट की न्यायिक पीठ ने गुरुवार को संजय की तरफ से पक्षपात का हवाला देते हुए याचिका को खारिज कर दिया, क्योंकि आधिकारिक रिकॉर्ड से पीआईएल के पास दावे को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत की कमी थी । संजय के मामले में सच्चाई की जीत हुई है क्योंकि संजू बाबा की अगली रिहाई में राज्य ने कोई उल्लंघन नहीं किया है ।

अन्य कैदियों के विरोध में अभिनेता का पक्ष लेने के लिए राज्य के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी । जनहित याचिका में  दत्त को विशेष व्यवहार का दावा किया गया था, क्योंकि कई अन्य कैदियों के अनुकरणीय आचरण के बावजूद, केवल अभिनेता को जल्दी छुट्टी की रियायत दी गई थी । याचिकाकर्ता ने अक्सर पैरोल और रियायत पर आपत्ति जताई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है ।

संजय दत्त ने कहा- सच्चाई की जीत हुई

उच्च न्यायालय के फैसले से राहत संजय ने कहा, "यह एक बड़ी राहत है । माननीय हाईकोर्ट ने ऐसे सभी निराधार आरोपों को रद्द कर दिया है । सत्य को जीत हो गयी है ।"

न्यायमूर्ति एस.सी. धर्मादीकरी और भारती डांगरे की अध्यक्षता ने पहले उद्धृत किया था,"हमें राज्य गृह विभाग द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्ड में और राज्य द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण के विपरीत कुछ भी नहीं मिला । विवेकाधीन शक्तियों का कोई उल्लंघन या दुरुपयोग नहीं पाया गया ।"

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1993 के सीरियल बम विस्फोट मामले में संजय को हथियारों के अवैध कब्जे के लिए दोषी ठहराया गया था । अभिनेता ने एक साल और चार महीने का वक़्त विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बिताया और एक अपराधी के रूप में ढाई साल का लंबा समय जेल में व्यतीत किया ।

अभिनेता को 25 फरवरी, 2016 को यरवदा जेल से बरी कर दिया गया था, चूंकि उनकी पांच साल की सजा पूरी होने में आठ महीने 16 दिन का समय बाकी था ।