सुशांत सिंह राजपूत के निधन को 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक उनकी मौत की असली वजह सामने नहीं आई है । 14 जून को मृत पाए गए सुशांत सिंह राजपूत की मौत की गुत्थी सुलझाने का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया था, लेकिन सुशांत मामले की जांच हाथ में लेने के 145 दिन बाद भी सीबीआई किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है । हालांकि सीबीआई की जांच अभी भी जारी है । सीबीआई ने कहा है कि सुशांत मामले में सभी पहलू पर गौर किया जा रहा है और फिलहाल किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता ।

सुशांत सिंह राजपूत केस की 145 दिनों से जांच कर रही CBI ने सौंपी जांच की स्टेटस रिपोर्ट, बताया क्यों हो रही है देरी

सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच में हर एंगल खंगाला जा रहा है

जहां लोग सीबीआई जांच का निष्कर्ष जानना चाहते हैं वहीं हाल ही में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी सीबीआई से सुशांत केस की जांच नतीजों को पब्लिक के सामने रखने की मांग की थी । सुशांत के मौत की वजह न केवल उनकी फ़ैमिली और फ़ैंस बल्कि पूरा देश जानना चाहता है । जांच में हो रही देरी पर राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर जांच की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी । इसके जवाब में सीबीआई ने पीएमओ को स्टेटस रिपोर्ट भेजी है ।

स्वामी को 30 दिसंबर को भेजे जवाब में सीबीआई ने कहा, केंद्रीय एजेंसी गहनता और पूरे पेशेवर ढंग से मामले की जांच कर रही है । इसके लिए आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है । जांच के दौरान मौत के सभी पहलू पर विचार किया जा रहा है और किसी भी एंगल को भी अभी किसी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता ।

इस केस की जांच पूरी गहराई से जारी

जांच एजेंसी ने कहा, जांच के दौरान आधुनिक मोबाइल फोरेंसिक उपकरणों जिनसे डिजिटल उपकरणों का महत्वपूर्ण डेटा निकालकर उनका विश्लेषण किया जाना संभव हो सका । मामले में संबंधित मोबाइल टॉवरों के बेकार हो चुके डेटा का भी गहन विश्लेषण किया गया है । केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बताया है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के केस में सभी संबंधित गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, ताकि शिकायतकर्ता, उनके पारिवारिक सदस्य और स्वतंत्र सूत्रों की ओर से उठाए गए सभी संदेहों का निदान हो सके । इस मामले में बेहद गहराई से और व्यापक स्तर पर जांच की गई है ।

गौरतलब है कि सुशांत केस से अब तक तीन एजेंसिया जुड़ चुकी हैं । जहां सीबीआई मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई है वहीं प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने इस केस को पैसों के संदिग्ध लेने देन के एंग़ल से भी जांचने की कोशिश की लेकिन कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला । वहीं सुशांत केस में ड्रग्स एंगल सामने आने के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने सभी संदिग्धों से पूछताछ की ।