Lipstick-Under-My-Burkha

जब से फ़िल्म लिपस्टिक अंडर माई बुर्का का ऐलान हुआ है तब से यह चर्चा में बनी हुई है । भले ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के पुनरीक्षण समितियों द्दारा देखने के बाद इस फ़िल्म को जनता के देखने के योग्य नहीं समझा गया लेकिन यह फ़िल्म रिलीज होने से पहले ही खूब सारे अवॉर्ड्स अपने नाम कर चुकी है । जी हां, लिपस्टिक अंडर माई बुर्का फ़िल्म 'ग्लासगो फ़िल्म फ़ेस्टिवल 2017 में 'ऑडियंस अवॉर्ड्स' मिला है ।

यह पुरस्कार ग्लासगो फिल्म थिएटर में डेविड टेनेंट द्वारा फ़िल्म की निर्देशिका अंलकृता श्रीवास्तव को दिया गया । पुरस्कार मिलने के बाद अंलकृता श्रीवास्तव ने कहा कि, यह पुरस्कार इस फ़िल्म को तब मिला है जब सेंसर बोर्ड ने इसे भारत में दिखाने के लिए प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया क्योंकि यह फ़िल्म महिला के दृष्टिकोण के साथ महिला-केंद्रित फ़िल्म है ।

वहीं दूसरी तरफ़, लिपस्टिक अंडर माई बुर्का के निर्माता प्रकाश झा ने कहा कि यह फ़िल्म सभी पुरस्कार और सराहना की हकदार है जो इसे मिली । उन्होंने आगे कहा कि, यह पहली बार था जब किसी महिला निर्देशक ने ऐसी फ़िल्म बनाई । ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ फिल्म की कहानी महिला केंद्रित और जीवन के बारे में उनकी कल्पनाओं पर आधारित है । प्रकाश झा के प्रोडक्शन के तहत बनी इस फिल्म की स्क्रीनिंग कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में हुई है और ज्यादातर जगहों पर इसे अच्छी प्रतिक्रिया भी मिली है । इस फिल्म को टोक्यो इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव में 'स्पिरिट ऑफ एशिया' पुरस्कार से भी नवाजा गया है ।

फिल्म को पास नहीं करने के पीछे सेंसर बोर्ड की दलील है कि यह कहानी महिलाओं पर केंद्रित है और इसमें सामान्य जीवन से कहीं आगे बढ़कर आगे की कल्पनाएं हैं । सेंसर बोर्ड का कहना है कि इसमें कई विवादास्पद सेक्सुअल सीन हैं, गालियों वाले शब्द हैं और सोसायटी के कुछ वैसे हिस्से को टच किया गया है जो काफी संवेदनशील है, इसलिए इसे पास नहीं किया गया ।

कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक और अहाना कुमरा फ़िल्म लिपस्टिक अंडर माई बुर्का में मुख्य भूमिका में नजर आएंगी ।