देश की सबसे सफल फिल्म और टेलीविजन निर्माता एकता कपूर के घर में इस समय उत्सव का माहौल है और इसकी वजह है एकता कपूर का माँ बनना। एकता कपूर ने आज सरोगेसी के माध्यम से हुए अपने सुंदर नवजात शिशु का घर में स्वागत किया है और इसिलए पूरे परिवार की खुशी आज सातवें आसमान पर है। यह पता चला है की एकता कपूर अपने बच्चे को स्वयं जन्म देने के लिए बेहद उत्सुक थीं लेकिन ऐसा संभव नहीं था।

बधाई हो ! एकता कपूर बनी माँ, घर में किया अपने नन्हे रवि कपूर का स्वागत !

एकता कपूर पूरी प्रक्रिया में साथ रहीं

पूरी प्रक्रिया के दौरान एकता को निर्देशित करने वाली डॉ नंदिता पलशेतकर ने कहा,"मां बनने के लिए कुछ साल पहले एकता कपूर मेरे पास आई थीं। हमने उन्हें आईयूआई और आइवीएफ की कई प्रक्रिया के साथ गर्भवती होने में मदद करने की कोशिश की थी। लेकिन हम असफल रहे। इसलिए हमें सरोगेसी की तकनीक की मदद लेनी पड़ी जो हमने अपने ब्लूम आईवीएफ सेंटर में 9 महीने पहले की थी। नौ महीने बाद आखिरकार रविवार को एक बच्चे के जन्म के साथ उन्होंने सफलता हासिल कर ली है। ”

इस साल 27 जनवरी को पैदा हुए बच्चे का नाम एकता के पिता के नाम पर रवि कपूर रखा गया है। यह पहली बार हुआ है कि किसी महिला सेलेब्रिटी ने सरोगेसी का यह रास्ता चुना है और वह सिंगल मॉम बन गई हैं।

एकता के करीबी सूत्र बताते हैं कि, “वह पूरी प्रक्रिया में शामिल थीं। वह डॉक्टर से हर चरण में माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में लगातार अपडेट लेती रहती थी। एक माँ बनने के लिए यह उसका दृढ़ संकल्प था जिस वजह से यह संभव हो पाया।"

कुछ साल पहले एकता के भाई तुषार कपूर भी सरोगेसी के जरिए पिता बने थे। कपूर खानदान को इतनी खूबसूरती से बढ़ता हुआ देखना अद्भुत है।

मां बनकर एकता बहुत खुश हैं

उन्मादपूर्ण एकता कपूर ने कहा, "भगवान की कृपा से, मैंने अपने जीवन में कई सफलताओं को देखा है, लेकिन मेरे जीवन में इस खूबसूरत बच्चे के आने की भावना पूरी दुनिया से अलग है। मैं यह व्यक्त भी नहीं कर सकती कि मेरे बच्चे के जन्म ने मुझे कितना खुश किया है। जीवन में सब कुछ उस तरह से नहीं होता जैसा आप चाहते हैं, लेकिन उन अड़चनों का हमेशा समाधान होता है। । मैंने अपना समाधान पाया और आज मैं माँ बन कर बहुत धन्य महसूस कर रही हूं। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक भावनात्मक क्षण है और मैं एक मां होने के इस नए सफर की शुरुआत करने के लिए इंतजार नहीं कर सकती।”

वह आगे कहती हैं, "मैं डॉ नंदिता पलशेतकर को धन्यवाद देना चाहूंगी, जिनके निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के कारण मैं अपना सपना पूरा कर पाई ।"