यहां तक कि अगर आप 'स्वच्छ भारत' के बारे में एक फिल्म बना रहे हैं, तब भी आपको उस गंदगी के लिए रोका जा सकता है । अक्षय कुमार की महत्वाकांक्षी फ़िल्म, सराही गई और बीजेपी द्दारा अप्रूव्ड फ़िल्म टॉयलेट- एक प्रेम कथा को सेंसर बोर्ड द्दारा 'UA' प्रमाण पत्र के साथ प्रमाणित होने से पहले 8 मौखिक कटौती के आदेश दिए गए हैं ।

सीबीएफसी के सूत्रों का कहना है, कि इनमें से कुछ कटौती वो हैं जिसमें अक्षय कुमार ने कुछ भद्दे शब्दों का इस्तेमाल किया है ।

"फ़िल्म के एक सीन में अक्षय कुमार अपनी ऑनस्क्रीन-पत्नी को यह कहते हुए सुनाई देते हैं कि 'तुमने मुझे तीन बार जगाया है । मैं कोई सांड हूं क्या ।' एक दूसरे सीन में एक किरदार कहता है कि वह अपने कानों के आसपास एक रस्सी (धागा) के साथ मूत्र विअसर्जन के लिए जाता है । उनका मतलब पवित्र धागा है, यानी की ब्राह्मण का जनेऊ । और हमने इस तरह की पवित्राता के साथ कुछ के लिए कोई कारण नहीं देखा ।”

इसके अलावा 'हारामी' सहित 4 अपशब्दों को हटाने का आदेश दिया गया है ।

वो लोग जिन्होंने सोचा था कि, अक्षय कुमार की टॉयलेट- एक प्रेम कथा को सेंसर बोर्ड से आसानी ने प्रमाणपत्र मिल जाएगा, क्योंकि इसे प्रधानमंत्री के ट्वीट की स्वीकृति और कर छूट दी गई है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इस तरह यह लोकतांत्रिक सेंसरशिप में एक अच्छा सबक है ।