ऐश्वर्या राय बच्चन ने अभी तक अपने सभी किरदारों से दर्शकों का दिल जीता है लेकिन उन्होंने अभी तक के अपने फ़िल्मी करियर में नेगेटिव रोल नहीं निभाया । ऐश्वर्या राय बच्चन को फ़िल्मों में नेगेटिव रोल निभाने के लिए कोई राजी नहीं कर पाया सिवाय फ़िल्ममेकर मणि रत्नम के । हालांकि अभी इस बारें में कोई ऑफ़िशियल कन्फ़र्मेशन नहीं है लेकिन सुनने में आ रहा है कि मणि रत्नम एक बार फ़िर अपनी फ़ेवरेट एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन, जिसके साथ उन्होंने इरुवर, गुरु, रावण जैसी बेहतरीन फ़िल्में की, के साथ चौथी फ़िल्म करने जा रहे हैं जिसका नाम है Ponniyin Selvan । यह एक तमिल फ़िल्म होगी और इसमें ऐश नेगेटिव रोल में नजर आएंगी ।

ऐश्वर्या राय बच्चन अपने फेवरेट फ़िल्ममेकर मणि‍ रत्नम की खातिर बनेंग़ी 'विलेन'

ऐश्वर्या राय बच्चन को मणिरत्नम ने मना लिया

हालांकि इस बारें में कोई ज्यादा खुलासा नहीं किया जा सकता लेकिन ऐश से जुड़े सूत्र ने खुलासा किया है कि, ''यह किरदार ग्रे ही नहीं है बल्कि पूरी तरह से नकारात्मक किरदार है । ऐश्वर्या अपने करियर के इस पड़ाव में एक नेगेटिव किरदार निभाने के लिए बिल्कुल भी इच्छुक नहीं थीं । उन्हें लगता है और जो कि सही भी है कि, वह अपने फ़ैंस के बीच एक रोल मॉडल की तरह है । अपराधों से घिरे देश में वह नेगेटिव किरदार निभाकर नकारात्मकता को महिमामंडित नहीं करना चाहती ।”

ऐश अपनी बेटी की खातिर नहीं करना चाहती थी नेगेटिव रोल

लेकिन मणि रत्नम ने उन्हें ऐसा करने के लिए मना लिया । “ऐश्वर्या ने अपने दूसरे पसंदीदा निर्देशक (संजय लीला भंसाली के बाद) से मिलने के लिए चेन्नई पहुंची । फ़िल्ममेकर ने ऐश से इस किरदार को लेकर बात की और उन्हें पूरी स्क्रिप्ट सुनाई और साथ ही समझाया कि क्यों एक कलाकार होने के नाते उन्हें ये करना चाहिए । ऐश अपनी बेटी आराध्या को लेकर चिंतिंत थी कि उनकी बेटी उन्हें जब ऐसा नेगेटिव किरदार अदा करते हुए देखेगी तो क्या कहेगी, इस पर मणि ने उन्हें समझाया कि आराध्या जब 'अभिनय क्या है' ये समझने के लिए इतनी बड़ी हो जाएगी तो उसे अपनी मम्मी पर गर्व होगा ।''

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जाहिरतौर पर मणि ने ऐश को आवश्यकरूप से पूरी तरह आश्वस्त कर लिया । ऐश के साथ हुई मेरी पहले ही बातचीत में उन्होंने मुझसे कहा था कि, ''फ़िल्म इंडस्ट्री में ऐसे दो फ़िल्ममेकर्स हैं जिन्हें मैं न नहीं कह सकती और वो हैं-संजय लीला भंसाली और मणिरत्नम सर । मैंने मणि सर के साथ उनकी फ़िल्म इरूवर से, जहाँ मुझे एक राजनेता का एक जटिल किरदार निभाना था और तमिल में बोलना था, अपने फ़िल्मी करियर की शुरूआत की थी । मैं न तो राजनीति के बारें में न ही तमिल भाषा के बारें में कुछ जानती थी । तब मणि सर ने ही मुझे ये करने के लिए प्रोत्साहित किया ।''