बॉलीवुड के दिग्गज और डेशिंग अभिनेता ॠषि कपूर भले ही इस दुनिया को अलविदा कह गए हों लेकिन वह अपने परिवार और फ़ैंस के बीच एक सुनहरी याद बनकर हमेशा जिंदा रहेंगे । दो साल तक कैंसर से जंग लड़ने के बाद ॠषि कपूर ने 30 अप्रैल को आखिरी सांसे ली । ॠषि कपूर के जाने से उनके करोड़ों फ़ैंस, दोस्त और फ़ैमिली काफ़ी सदमें में है । रविवार को रणबीर कपूर ने अपने पापा ऋषि कपूर की अस्थियों को मुंबई के बाणगंगा में विसर्जित किया ।

रणबीर कपूर ने नम आंखों से मुंबई की बाणगंगा में विसर्जित की ॠषि कपूर की अस्थियां

रणबीर कपूर ने बाणगंगा में विसर्जित की ॠषि कपूर की अस्थि्यां

ॠषि की अस्थियां विसर्जन में रणबीर के साथ उनकी मां नीतू कपूर, बहन रिद्धिमा कपूर, आलिया भट्ट और फ़िल्ममेकर अयान मुखर्जी साथ थे । कोरोना के चलते बाणगंगा के घाट पर सभी लोग मास्क पहने नजर आए । खबरों की मानें तो कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने ॠषि की अस्थियों को हरिद्वार ले जाने की परमिशन नहीं दी थी इसलिए ऋषि की अस्थियां मुंबई के बाणगंगा में विसर्जित की गईं ।

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आपको बता दें कि दो साल तक कैंसर से जंग़ लड़ने के बाद ॠषि ने 30 अप्रैल को सुबह आखिरी सांस ली । इस दौरान उनके साथ रणबीर, नीतू कपूर, रणधीर कपूर मौजूद थे लेकिन उनकी बेटी रिद्धिमा मौजूद नहीं थी । ऋषि के अंतिम संस्कार में सिर्फ 25 लोग ही शामिल हो पाए थे । देशभर में फैली कोरोना जैसी महामारी के चलते ऋषि कपूर की बेटी रिद्धिमा कपूर भी पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाई थीं ।

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जिंदादिल ॠषि की इच्छा थी कि उन्हें हमेशा मुस्कुराहट के साथ याद किया जाए न कि आंसूओं के साथ । कपूर परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि ॠषि अपने आखिरी वक्त तक डॉक्टर्स और नर्सों का मनोरंजन करते रहे ।