बॉलीवुड के शो-मैन कहे जाने वाले फ़िल्ममेकर सुभाष घई ने न केवल हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर्स और एक्ट्रेस के साथ काम किया है बल्कि हिंदी सिनेमा को कई कल्ट क्लासिक फ़िल्में भी दी है । ये कहना ग़लत नहीं होगा की उन्हें दर्शकों की नब्ज पता है और उसी को ध्यान में रखकर वह अपनी फ़िल्में बनाते हैं । लेकिन लगातार बॉक्स ऑफ़िस पर फ़्लॉप साबित हो रहीं बॉलीवुड की फ़िल्मों को देख उन्होंने इस बात का पता लगा लिया है आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है । हाल ही में सुभाष घई ने बॉलीवुड हंगामा के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में आज के दौर के कहानीकार और फ़्यूचर फ़िल्ममेकर्स को मैसेज दिया की आप प्लीज़ दर्शकों को ध्यान में रखकर अपनी कहानी तैयार करें और फ़िल्म बनाए ।

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सुभाष घई की गोल्डन एडवाइस

सुभाष घई ने आज के दौर के कहानीकार और फ़्यूचर फ़िल्ममेकर्स को अपनी सलाह देते हुए कहा, “आज के दौर के कहानीकार और फ़्यूचर फ़िल्ममेकर्स को मेरी सिर्फ़ यही सलाह है कि, प्लीज़, दर्शकों के बारें में भी सोच कर कहानी तैयार करें । आप जो भी कहानी लिख रहे हैं वो दर्शकों से कनेक्ट होनी चाहिए । एक कहानीकार के रूप में आप जो भी दर्शकों को दिखा रहे हैं सबसे पहले उसमें भारतीयता होनी चाहिए यदि आप एक हिंदी फ़िल्म बना रह हैं तो, दूसरा यदि आप इंडियन फ़िल्म बना रहे हैं तो उसमें इंडियन कल्चर होना चाहिए । आप उसमें कोरियन या वेस्टर्न कल्चर नहीं ला सकते ।”

सुभाष घई ने आगे कहा, “मैं अपनी फ़िल्म में ऐसी कोई ऊँची बात नहीं कर सकता तो साहित्य से जुड़ी हो और जो सिर के ऊपर से निकल जाए । उस बात का क्या मतलब है जो आपको समझ आ रही हो लेकिन दर्शकों को नहीं क्योंकि फिर उसका कोई मतलब नहीं रहता । इसलिए दर्शकों के साथ कनेक्शन ही राइटर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और कलाकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ।”