महामारी से जूझ रहे भारत की वर्तमान स्थिति बहुत गंभीर है और दुनियां के सभी कोनों से मदद का हाथ आगे बढ़ रहा है । इस मुहिम में कई एस्टेब्लिशेड हस्तियां और मशहूर हस्तियां भी मदद के लिए आगे आई हैं । अनुपम खेर फाउंडेशन ने डॉ आशुतोष तिवारी (ग्लोबल कैंसर फाउंडेशन, यूएसए) और बाबा कल्याणी (भारत फोर्ज, इंडिया) के साथ मिलकर हाल ही में "प्रोजेक्ट हील इंडिया" नामक एक पहल की शुरूआत की है। इस पहल का उद्देश्य, इन कठिन समय के दौरान चिकित्सा सहायता और अन्य राहत प्रदान करके भारत भर में कोविड-19 के खिलाफ मौजूदा लड़ाई में सहायता करना है। इस तरह के चिंताजनक समय के दौरान लोगों की मदद के लिए एक योग्य पहल है ।

कोरोना संकट से उबरने के लिए अनुपम खेर ने शुरू की मेडिकल हेल्प, मुफ्त में मुहैया करवा रहे हैं ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स

अनुपम खेर की प्रोजेक्ट हील इंडिया पहल

इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, यह आर्गेनाइजेशन पूरे भारत में जरूरतमंद संस्थानों और अस्पतालों को महत्वपूर्ण उपकरण और अन्य लाइफ सपोर्टिंग डिवाइस प्रदान करेंगे। क्रॉसवेंट वेंटिलेटर (आईसीयु क्रिटिकल केयर), मेडट्रोनिक वेंटिलेटर, रेसमेड नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन डिवाइस और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की पहली खेप एक सप्ताह के भीतर भारत आने की उम्मीद है ।

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माननीय अनुपम खेर कहते हैं, “हालिया विश्व संकट के वक़्त, हम मानव हमेशा सामूहिक रूप से किसी भी तरह से सहायता प्रदान करने के लिए एक साथ आए हैं । भारत भारी संकट के दौर से गुजर रहा है, यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपना फर्ज़ निभाये । दुनिया भर के असंख्य लोगों ने मदद करने के तौर तरीकों के बारे में पूछताछ की है लेकिन डॉ आशुतोष तिवारी एक ठोस योजना के साथ आने वाले पहले थे । इससे मुझे इस देश को आगे बढ़ाने और हमारे देश की सेवा करने की प्रेरणा मिली । यह सब माननीय बाबा कल्याणी और डॉ आशुतोष तिवारी जैसे लोग और मानवतावादी की वजह से ही हैं जो दुनिया को बेहतर जगह बनाने में मदद करते हैं और मानवता में हमारे विश्वास को अधिक गहरा करते हैं। मैं उनके साथ हाथ मिला कर सम्मानित और प्रसन्न महसूस कर रहा हूं ।”

इस बारे में बात करते हुए, डॉ आशुतोष तिवारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत के लोग यह जानें कि वे अकेले नहीं हैं, और हम एक साथ मिलकर इससे लड़ेंगे । हम भले ही 10,000 मील दूर हैं, लेकिन हम आपको अपने दिल और दिमाग में करीब से रखते हैं । हम जो सप्लाइज़ भेज रहे हैं वह एक तरह का प्रतीकात्मक इशारा है और एकजुटता का प्रतीक है। हम जानते हैं कि जरूरतें बेहद जरूरी हैं । इस प्रयास में योगदान देने वाले सभी लोगों की ओर से, हम प्रोजेक्ट हील इंडिया में योगदान देने में सक्षम होने के लिए आभारी हैं। कोविड-19 ने मुझे कई तरीकों से व्यक्तिगत और प्रोफेशनली रूप से भावुक कर दिया है, लेकिन फिर भी मुझे उम्मीद है कि हम एक साथ मिलकर इस लड़ाई पर जीत हासिल करेंगे ।”

Anupam Kher

मिस्टर बाबा कल्याणी आगे कहते है, “यह माउंट सिनाई के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन से डॉ आशुतोष तिवारी, चेयरमैन, मिल्टन और कैरोल पेट्री डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी द्वारा लिया गया एक सराहनीय कदम है, जिन्हें मैं पिछले 14 वर्षों से जानता हूं । भारतीय मूल के एक प्रख्यात अमेरिकी डॉक्टर के रूप में, संकट के इस समय में भारतीय चिकित्सा प्रणाली को इतना समर्थन देने का यह उदार प्रयास बेहद मूल्यवान है। मैं इस सामूहिक प्रयास में अनुपमजी के साथ और फाउंडेशन प्रोजेक्ट हील इंडिया में योगदान देने के लिए व्यक्तिगत रूप से विनम्र और बहुत प्रसन्न हूं ।”

भारी जरूरतों को देखते हुए, प्रोजेक्ट हील इंडिया महामारी में पैदा हुई जरूरतों को पूरा करने की पूरी कोशिश करेगी । योगदानकर्ताओं का मानना है कि इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए, एक साथ काम करना और नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करना और इस स्थिति में हमारी जबाबदारी निभाना बेहद महत्वपूर्ण है । साथ ही, प्रोजेक्ट हील इंडिया द्वारा हमारे लोगों और हमारे समुदाय की मदद करने के लिए फंड, दवाइयां और अन्य जरूरी रिलीफ़ मटेरियल मुहैया करवाया जाएगा । इस कठिन वक़्त में एक साथ आने की ज़रूरत है । हर कदम मायने रखता है, हर जेस्चर मूल्यवान है और हर मदद व सहायता हमें इस वायरस को खत्म करने के हमारे लक्ष्य के करीब ले आएगा ।