जिस फिलà¥à¤® के साथ आमिर खान का नाम जà¥à¥œ जाता है, उस फिलà¥à¤® से कà¥à¤› खास पाने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की जाती जा सकती है। अनà¥à¤¶à¤¾ रिजवी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ ‘पीपली लाइव’ à¤à¤• तीखा वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ है किसानों की आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾, उसमें वोट के à¤à¥‚खे राजनीतिजà¥à¤žà¥‹à¤‚ की à¤à¥‚मिका तथा किसी तरह अपनी टीआरपी बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ को बेताब इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• मीडिया पर।
किसानों की आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ जैसे गंà¤à¥€à¤° और विचारशील विषय पर à¤à¤• वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ के रूप में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ व सारà¥à¤¥à¤• संदेश देती है फिलà¥à¤® ‘पीपली लाइव’।
हमारे समाज में बà¥à¤°à¥€ खबरें तो सà¥à¤°à¥à¤–ियों में छा जाती हैं, लेकिन जà¥à¤µà¤²à¤‚त मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ कहीं पीछे छूट जाते हैं। यह फिलà¥à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤ के गरीब से गरीब लोगों की दà¥à¤–द जीवन और पलायन की गाथा है, लेकिन इस पर राजनीति की रोटियां सेंकनेवालों की कमी नहीं है। राजनीतिजà¥à¤ž, बिचौलिà¤, सरकारी बाबू, मीडिया और आसपास के लोग सà¤à¥€ अपने-अपने लाठकी जà¥à¤—त में रहते हैं।
इस फिलà¥à¤® का बेहतरीन पहलू यह है कि यह न संदेशातà¥à¤®à¤• है और न ही इस समसà¥à¤¯à¤¾ का कोई समाधान पेश करती है। इसका काम बस इतना ही है कि यह हमारे देश के वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ हालात को बड़ी ही सादगी के साथ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करती है।
नतà¥à¤¥à¤¾ (ओमकार दास माणिकपà¥à¤°à¥€) गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के à¤à¤• गांव पीपली का गरीब किसान है। सरकारी करà¥à¤œ न चà¥à¤•à¤¾ पाने के कारण उसकी जमीन जबà¥à¤¤ होनेवाली है। लेकिन à¤à¤• सरकारी योजना ही उसके लिठराहत लेकर आती है। योजना यह है कि करà¥à¤œ के बोठके दबाव से आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करनेवाले किसानों के परिजनों को सहायता राशि दी जाà¤à¤—ी। बस, नतà¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ की योजना बना लेता है और उसका à¤à¤¾à¤ˆ रघà¥à¤µà¥€à¤° यादव उसके इस अनोखे कारनामे को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करता है।
à¤à¤¸à¥‡ में राजनीतिजà¥à¤ž, सरकारी बाबू, बिचौलिठऔर मीडिया अपने-अपने हिसà¥à¤¸à¥‡ का लाठलेने के लिठउमड़ पड़ते हैं। यहां तक कि उसके परिवार में à¤à¥€ उसकी आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ को लेकर à¤à¤• अजीब-सी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बन जाती है।
टीवी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° इस बात की तहकिकात में लगे रहते हैं कि à¤à¤¸à¥‡ हालात में नतà¥à¤¥à¤¾ की दिमागी हालत कैसी है। किसी को à¤à¥€ नतà¥à¤¥à¤¾ की नहीं पड़ी है।
पहली बार निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• बनीं अनà¥à¤¶à¤¾ रिजवी ने फिलà¥à¤® के विषय को किसी मंà¤à¥‡ हà¥à¤ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• की तरह बड़ी ही कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ से पेश किया है। उनकी पटकथा कसी हà¥à¤ˆ और हास-परिहास से à¤à¤°à¤ªà¥‚र है। इस तरह के कठिन विषय को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पूरी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ से संà¤à¤¾à¤²à¤¾ है। यह फिलà¥à¤® अनà¥à¤¯ बॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की तरह बिलà¥à¤•à¥à¤² नहीं है। इस फिलà¥à¤® ने à¤à¤• अछूते विषय को पूरी संवेदनशीलता और परिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ के साथ रà¥à¤ªà¤¹à¤²à¥‡ परà¥à¤¦à¥‡ पर उतारा है। फिलà¥à¤® का अंत à¤à¥€ बहà¥à¤¤ ही सटीक और कहानी के अनà¥à¤°à¥‚प है।
फिलà¥à¤® का संगीत कई कलाकारों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तैयार किया गया है, जिसमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोकसंगीत और लोकगीतों की मीठी चाशनी घà¥à¤²à¥€ हà¥à¤ˆ है। संवाद बहà¥à¤¤ ही वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• हैं और अचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पैदा करते हैं।
ओमकार दास माणिकपà¥à¤°à¥€ ने नतà¥à¤¥à¤¾ के रूप में उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ काम किया है। रघà¥à¤µà¥€à¤° यादव ने à¤à¤• मौकापरसà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤ˆ के किरदार में जान à¤à¤° दी है। मलाइका शिनॉय ने टीवी रिपोरà¥à¤Ÿà¤° के रूप में दिल जीत लेनेवाली à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆ है। नतà¥à¤¥à¤¾ की मां के रूप में फारूख जाफर ने असाधारण अà¤à¤¿à¤¨à¤¯ किया है। नसीरà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ शाह ने à¤à¤• धूरà¥à¤¤ और चतà¥à¤° राजनीतिजà¥à¤ž के रूप में आला दरà¥à¤œà¥‡ की अदाकारी की है।
आखिर में यह कि फिलà¥à¤® ‘पीपली लाइव’ निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ आमिर खान के नाम और उनकी साख के बल पर दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ को सिनेमाघरों में खींचेगी और à¤à¤¸à¤¾ हो जाठतो फिर यह तय है कि फिलà¥à¤® खà¥à¤¦ ही बोलने लगेगी। इस फिलà¥à¤® में इतना दम है कि यह न सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को पसंद आà¤à¤—ी, बलà¥à¤•à¤¿ विदेशों में à¤à¥€ इसे खूब सराहना मिलेगी। फिलà¥à¤® लाजवाब है और इसे देखने से चूकना नहीं चाहिà¤à¥¤