शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 28 अक्टूबर को जमानत दे दी । हाई प्रोफ़ाइल क्रूज ड्रग्स पार्टी में गिरफ़्तार हुए आर्यन 25 दिनों से ज्यादा समय से जेल में बंद थे । लेकिन कल 28 अक्टूबर को पूर्व एटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया मुकुल रोहतगी ने आर्यन के पक्ष में दलीलें पेश की जिसके बाद कोर्ट ने आर्यन को जमानत पर रिहा करने का फ़ैसला सुनाया । आर्यन के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि आर्यन को जमानत मिलने के फ़ैसले को सुन शाहरुख खान की आंखों में खुशी के आंसू आ गए ।

ड्रग्स केस में कोर्ट ने आर्यन खान को इन शर्तों पर दी जमानत ; शाहरुख खान की आंखों में छलके खुशी के आंसू

आर्यन खान को मिली जमानत

निचली अदालत से दो बार जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आर्यन को गुरुवार शाम बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है । हालांकि, फैसला शाम को आया था, इसलिए आर्यन की रिहाई नहीं हो सकी । आज माना जा रहा है कि कागजी कार्रवाई पूरी होते ही आर्यन जेल से बाहर आ जाएंगे और 26 दिन बाद वे 'मन्नत' यानी अपने घर में कदम रखेंगे ।

आर्यन को जमानत मिलने के बाद उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जब शाहरुख खान मुझसे मिलने आए तो उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन अब ये आंसू खुशी के हैं । अब उन्हें तसल्ली मिल चुकी है । आर्यन अब शाहरुख के जन्मदिन (2 नवंबर) को परिवार के साथ होंगे और दीपावली भी घर पर मना सकेंगे ।

आर्यन खान को जमानत मिलना उनके साथ-साथ उनकी लीगल टीम और परिवार के लिए राहत की बात है । आर्यन के वकील मुकुल रोहतगी ने यह भी बताया कि केस के लिए शाहरुख खुद से भी तैयारी करते थे । मुकुल ने कहा कि शाहरुख बहुत बिजी थे । वह पिछले कई दिनों से केस के लिए अपने नोट्स बनाते थे और मेरे साथ उनपर विचार-विमर्श किया करते थे ।

इन शर्तों के साथ आर्यन को कोर्ट से जमानत मिली

-आरोपी उसी तरह के अपराध में फिर से शामिल नहीं होगा ।

- सह-आरोपियों से किसी भी तरह का संपर्क नहीं करना होगा ।

-अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे ।

-कार्यवाही के बारे में सोशल मीडिया या मीडिया को कोई बयान नहीं देंगे ।

-जांच अधिकारी को बताए बिना मुंबई नहीं छोड़ सकते ।

-उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर शुक्रवार को दोपहर 11 से 2 बजे के बीच एनसीबी कार्यालय में उपस्थित होंगे ।

-सभी तिथियों पर अदालत में उपस्थित होंगे जब तक कि किसी उचित कारण से रोका न जाए ।

-बुलाए जाने पर एनसीबी कार्यालय जाएंगे ।

-मुकदमे में किसी तरह की देरी करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए ।

-यदि इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है, एनसीबी सीधे एनडीपीएस कोर्ट में जमानत रद्द करने के लिए आवेदन कर सकती है ।

-पासपोर्ट को स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट को सौंपना होगा ।