कोई सैक्स नहीं, हम भारतीय हैं । सैक्सोफोन को आमतौर पर एक सेक्सी वाद्ययंत्र माना जाता है । तो क्या हम ऐसा करेंगे ? ऐसा लगता है कि डेविड धवन, ''सभ्यता की सीमा'' (और मैं सीबीएफसी स्रोत का हवाला देता हूं) पार कर चुके हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी नई कॉमेडी फ़िल्म जुड़वा 2 में वरुण धवन को भगवान कृष्ण बनाया और उनके हाथ में बांसुरी नहीं बल्कि सैक्सोफोन पकड़ाया ।

पूरा देश, जो पहले से ही अपनी पवित्र गाय को लेकर काफ़ी सुरक्षात्मक है,की ओर से नाराज, सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने डेविड के "हानिरहित मजाक" (जैसा कि फिल्म की टीम इसे बताती है) पर सख्त हो गया है ।

फ़िल्म से जुड़े सूत्र का कहना है कि, "यह सब मजाक था । एक गीत और नृत्य के सीन में वरुण भगवान कृष्ण के रूप में कपड़े पहनते हैं और सैक्सोफोन बजाते हैं । इसलिए सेंसर बोर्ड ने भगवान कृष्ण के रूप वाले वरुण धवन के सभी शॉट्स को हटाने के लिए कहा है ।'' डेविड धवन के लिए हैरानी भरा था, सर बोर्ड ने उन पर धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया

"आपका बेटा भगवान कृष्ण कैसे बन सकता है ?" उन्होंने तर्क दिया, भूल गए कि उमेश शुक्ला की फ़िल्म ओह माय गॉड में भाजपा के दुलारे अक्षय कुमार ने भगवान कृष्ण की भूमिका निभाई थी । "और भगवान कृष्ण कैसे सैक्सोफोन बजा सकते हैं ? यह निंदनीय है! " सेंसर बोर्ड ने अपना तर्क साफ़ किया और इसके बाद, धवन और उनके निर्माता साजिद नाडियाडवाला के पास इन्हें हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा ।

सीबीएफसी का एक स्रोत जो नाम नहीं देना चाहता है, का कहना है कि पौराणिक कथाओं का युग खत्म हो चुका है । "आप किसी अभिनेता को राम या कृष्ण के रूप में नहीं दिखा सकते । मनुष्य अब भगवान नहीं बन सकते ।”