सितंबर की दूसरी छमाही हमेशा से ही रोमांचक रही है । क्योंकि यही वो दिन है जब फेडरेशन ऑफ इंडिया की सिलेक्शन कमेटी (एफ़एफ़आई) तय करती है कि किस फ़िल्म को भारत की तरफ से बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में एकेडमी अवॉर्ड्स, जिसे ऑस्कर के नाम से भी जाना जाता है, में शामिल किया जाए । और इस बार, हिंदी फिल्म को ये प्रतिष्ठित मौका मिला है । और वो हिंदी फ़िल्म है इरोज इंटरनेशनल और कलर यैलो प्रोडक्शन की हालिया रिलीज फ़िल्म न्यूटन, जो आज ही सिनेमाघरों में रिलीज हुई ।

न्यूटन एक नौसिखिए सरकारी अफ़सर की कहानी है, जो छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाता है, और वहां जाकर निष्पक्ष चुनाव कराता है । अपने आदर्शों को अपने साथ लेकर चलने वाला यह न्यूटन कैसे यह काम कर पाता है, इसी को बयां करती है फ़िल्म न्यूटन की कहानी । इस फ़िल्म में राजकुमार के अलावा पंकज त्रिपाठी, रघुवीर यादव, अंजलि पाटिल अहम भूमिका में नजर आते है । अमित मसूरकर, जिसने सुलेमानी कीड़ा फ़िल्म बनाई थी, द्दारा निर्देशित इस फ़िल्म का 67वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रीमियर हो चुका है ।

कलर यैलो प्रोडक्शंस के आनंद एल राय ने इस बारें में कहा, ''अच्छी फ़िल्मों को दर्शकों तक पहुंचने की ज़रूरत हैं । हम एक प्रोडक्शन कंपनी के रूप में खुद को भाग्यशाली मानते हैं जहां हम इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । वर्षों से लोगों को कलर यैलो प्रोडक्शंस से अच्छी कहानी देखने को मिली और हम इस संबंध में किसी भी अवसर को छोड़ने नहीं देना चाहते हैं । न्यूटन एक महत्वपूर्ण फिल्म है और हम इसे निवेश कहेंगे न कि पुन्ट । हमें विश्वास है कि यह फ़िल्म इस सम्मान को पाने की हकदार है ।”

निर्देशक अमित मसूरकर कहते हैं, "हमारे लिए ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करना बहुत सम्मान की बात है । हमें उम्मीद है कि हमारी यह फ़िल्म हमारे देश में लोकतंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर ध्यान देने में कामयाब होगी । यह खबर थिएटर में हमारे लिए दर्शकों को जुटाने में मदद करेगी ।”

दृश्यम फ़िल्म्स के फ़ाउंडर और न्यूटन के प्रोड्यूसर मनीष मुंद्रा ने कहा, "यह हमारी ज़िंदगी का सबसे अविश्वसनीय समाचार है - हमारी सभी की कड़ी मेहनत और विश्वास की अंत में विजयी हुआ । न्यूटन एक बहुत ही महत्वपूर्ण फिल्म है और हमारे प्रयासों को पहचानने और और उनकी सराहना करने के लिए फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया जूरी का शुक्रिया अदा करना पर्याप्त नहीं है । वैश्विक स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने से बड़ा कोई सम्मान नहीं है । ये खबर का तब आना जब ये फ़िल्म सभी के लिए सिनेमाघरों में रिलीज हुई है,- ये तो सोने पर सुहागा है ।''

इरोज इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड के मैनेजिंद डायरेक्टर सुनील लुल्ला ने कहा, ''यह हमें बहुत खुशी देता है क्योंकि न्यूटन ऑस्कर 2018 में भारत की ऑफ़िशियल एंट्री है । हम इरोज पर इस मामले पर बहुत गर्व महसूस करते है क्योंकि यह फ़िल्म इस सम्मान को पाने की हकदार थी और हमेशा की तरह अच्छे सिनेमा को जारी रखेंगे ।"

यह दूसरी बार है हुआ है जब वह फ़िल्म सिनेमाघरों में चल रही हो और तभी उसे ऑस्कर के लिए भारत की ऑफ़िशियल एंट्री के तौर पर चुना गया हो । ऐसा ही कुछ हुआ था साल 2012 में आई फ़िल्म बर्फ़ी जिसमें रणबीर कपूर, प्रियंका चोपड़ा और इलियाना डिक्रूज अहम भूमिका में नजर आईं थी । हालांकि बर्फ़ी के चयन ने कई विवादों को भी जन्म दे दिया था और इस पर कई हॉलीवुड फ़िल्मों के सीन को चुराने का आरोप लगा । इसके बाद साल 2013 में एक गुजराती फ़िल्म, द गुड रोड भी ऑस्कर की दौड़ में शामिल हुई थी और इसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था । इसी साल इरफ़ान खान, नवाजुद्दीन सिद्दिकी अभि्नीत फ़िल्म लंचबॉक्स भी इस रेस में शामिल हुई, और सभी को यही लगा कि ये फ़िल्म को गोल्दन ट्रॉफ़ी जरूर लेकर आएगी, लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी भारत के साथ कुछ नहीं आया ।

न्यूटन का बॉक्सऑफ़िस कलेक्शन अभी तक काफ़ी कम रहा है लेकिन अब लगता है ये खबर आगे आने वाले दिनों में इस फ़िल्म के लिए दर्शक जुटाने में कामयाब हो जाए ।