ए.आर. रहमान ने लंदन स्थित वेम्बली ऑडिटोरियम में आयोजित अपने कॉंसर्ट में तमिल में गाकर दर्शकों को नाराज कर दिया । लता मंगेशकर, जिन्होंने वेम्बली में कुछ कॉंसर्ट के लिए परफ़ोर्म किया था, इस प्रकरण के बारें में जानकर बहुत परेशान हैं ।

"जब से हमारे कॉंसर्ट से दर्शक इतना असहिष्णु हुए ? 70 साल के मेरे अनुभव में, मैंने मंच पर लगभग हर क्षेत्रीय भाषा, पंजाबी, बंगाली और यहां तक कि डोगरी सहित, कई भाषाओं मे गाने गाए । दर्शकों ने हर भारतीय भाषा में गाने सुनना पसंद किया था ।" लताजी ने याद करते हुए बताया ।

मेलोडी क्वीन का मानना है कि संगीत की कोई भाषा नहीं होती है । "रहमान जी के सबसे यादगार गीत तमिल में हैं । और उन्हें बाद में हिंदी में अनुवादित किया गया । दोनों वर्जन समान रूप से लोकप्रिय रहे । मेरे कई सारे हिंदी गाने मूल रूप से हेमंत कुमार और सलिल चौधरी द्दारा बंगाली में रचित थे । सालिदा का बांग्ला वर्जन 'न जिया लागे न' (फ़िल्म आनंद से) और 'ओ सजना बरखा' (पारख) विदेशों में मेरे लाइव कॉंसर्ट में हिंदी के जितने ही मांग में रहे ।”

लता जी संगीत में बढ़ते असहिष्णुता के लक्षण पा रही है । "यह एक स्वस्थ विकास नहीं है । मैंने मनि रत्नम की फ़िल्म दिल से का रहमान जी द्दारा कंपोज किया गया गाना 'जिया जले जान जले' का बेहद खूबसूरत हिंदी-मलयालम फ़्यूजन गीत गाया है । इस गाने में मलयालम अंश बहुत ज्यादा जोड़ा गया है ।"

अपने लंबे और शानदार करियर में लता जी ने 38 क्षेत्रीय भारतीय और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में गाने गाए हैं । यहां तक कि उन्होंने एक बार अंग्रेजी में भी गाना गाया । और वो था कनाड़ा के कंट्री सिंगर ऐनी मुरे का गीत 'यू नीडेड मी' । लता जी कहती हैं "मैं हर भाषा में गाना पसंद करती हूं,

भले ही मैं उन सभी को समझ नहीं पाती हूं । मुझे क्षेत्रीय भाषा के गाने गाने में डर सिर्फ़ इस बात का लगता है कि उन्हें गाते वक्त मेरा उच्चारण गलत नहीं होना चाहिए । । सौभाग्य से मुझे कभी भी ये शिकायत नहीं आई कि मैंने उच्चारण गलत किया हो ।”