सलमान खान का कानूनी पचड़ों से लगता है कुछ गहरा ही नाता है । काले हिरण शिकार मामले में आर्म्स एक्ट से लेकर दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण शिकार मामले में फ़ंसे सलमान खान की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं । साल 1998 में काले हिरण के शिकार करने के जुर्म में सलमान खान को 5, अप्रैल को जोधपुर कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी और उन्हें दो रातें जेल में गुजराने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था ।

काला हिरण शिकार केस : सलमान खान की सजा के खिलाफ़ सुनवाई अब और आगे बढ़ी

सलमान खान की सजा पर सुनवाई 3 और 4 अगस्त को होगी

काला हिरण शिकार केस में दोषी करार दिए गए एक्टर सलमान खान की अपील पर मंगलवार को जोधपुर सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई । सलमान के वकीलों ने मंगलवार को जिला और सत्र अदालत के सामने दलील दी कि समान साक्ष्य के आधार पर सलमान को दोषी करार नहीं दिया जा सकता, जिसे उनके खिलाफ शिकार के दो अन्य मामले में हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था । न्यायाधीश चंद्र कुमार सोंगरा के समक्ष तीन घंटे तक बहस चली । इस मामले में अब अगली सुनवाई 3 और 4 अगस्त को होगी ।

बता दें कि इस साल 5 अप्रैल को जोधपुर सेशन कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देवकुमार खत्री ने करीब दो दशक पुराने काला हिरण शिकार प्रकरण में सलमान खान को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी । इसके साथ ही सलमान पर 10 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया था । वहीं बाकी आरोपियों सैफ अली खान, नीलम, सोनाली, तब्बू और दुष्यंत सिंह को बरी कर दिया गया ।

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सुनवाई के दौरान सलमान के वकील महेश बोड़ा ने अपनी दलीलें पेश की । बोड़ा ने जिप्सी ड्राइवर हरीश दुलानी और उसके मालिक अरुण यादव के बयान के आधार पर अपनी दलीलें पेश की थी । वकील ने तर्क दिया कि, कार में पाए गए बंदूक की छर्रे और खून सहित सभी सबूत प्लांट किए गए थे । वकील ने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारी सत्यमनी तिवारी द्दारा दिए गए बयान में भी कई अंतर पाए गए ।