लगता है इन दिनों सीबीएफसी उदारता के रास्ते पर चल निकला है । अनुभव सिन्हा, जिन्होंने फिल्म मुल्क के बाद बॉलीवुड के प्रतिष्ठित फ़िल्ममेकर का दर्जा हासिल किया, इस बात को लेकर आशंकित थे कि सेंसर बोर्ड उनकी आगामी पॉलीटिकल ड्रामा फ़िल्म आर्टिकल 15, जो उत्तर प्रदेश में व्याप्त जातिवाद, असमानता, भेदभाव और अन्याय पर कटाक्ष करती है, पर कैसा रिएक्ट करेगी । लेकिन सीबीएफ़सी ने अनुभव सिन्हा को उनकी फ़िल्म आर्टिकल 15 को लेकर राहत दी है ।

आयुष्मान खुराना की आर्टिकल 15 को सेंसर बोर्ड ने मामूली कटौती के साथ दिया U/A सर्टिफ़िकेट

आर्टिकल 15 को लेकर अनुभव सिन्हा आशंकित थे

अनुभव सिन्हा, जो हाल ही में 10वें लंदन इंडियन फेस्टिवल में आर्टिकल 15 की स्क्रीनिंग से वापस लौटे है, ने कहा कि, ''सीबीएफ़सी ने आर्टिकल 15 को “U/A” प्रमाण पत्र दिया है । और वो भी मामूली कटौती के साथ । मैं बहुत खुश हूं ।”

“लंदन और बर्मिंघम दोनों जगहों पर इस फ़िल्म को लेकर दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली । लगभग 90 प्रतिशत दर्शक स्क्रीनिंग के बाद Q & A सत्र के लिए वापस आए । मुझे बताया गया है कि इस तरह की स्क्रीनिंग के बाद 60 प्रतिशत दर्शक हतप्रभ रह जाते है । मुझे हैरानी इस बात की है,उन्हें सभी सांस्कृतिक और जातिगत संदर्भ मिले, हालांकि दर्शकों का 50 प्रतिशत हिस्सा सफेद था ।”

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आर्टिकल 15 को लेकर हंगाम मचाने वालों को अनुभव सिन्हा ने सलाह दी कि, ''रिलेक्स, गहरी सांस ले और फ़िल्म रिलीज होने का इंतजार करे और इसी के बाद अपनी राय बनाए ।''