Aamir-Khan-to-play-astronaut

अभी कुछ ही दिन पहले हमने आपको बताया था कि सुशांत सिंह राजपूत अपनी आगामी फ़िल्म में अंतरिक्ष यात्री के किरदार को निभाने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के साथ समय बिता रहे हैं । अब बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार में से एक माने जाने वाले अभिनेता, अंतरिक्ष की सैर को जाने की तैयारी कर रहे हैं, और वो कोई और नहीं बल्कि, एक से बढ़कर एक बेहतरीन फ़िल्में देने वाले बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान हैं । जी हां, यूटीवी के पूर्व प्रमुख सिद्धार्थ रॉय कपूर ने अपनी आगामी फ़िल्म, जो कि असल जिंदगी की घटना पर आधारित होगी, के लिए संपर्क किया गया है ।

खबर है कि यह फ़िल्म सिद्धार्थ रॉय कपूर अपने नए बैनर आर के फ़िल्म्स (रॉय कपूर फ़िल्म्स) के तहत बनाने वाले हैं और इस फ़िल्म के लिए आमिर खान बतौर निर्माता का रोल भी अदा करेंगे । इस फ़िल्म को महेश मथाई द्वारा निर्देशित किया जाना है । यह फ़िल्म अंतरिक्ष पर पहला कदम रखने वाले पहले भारतीय, रिटायर्ड विंग कमांडर राकेश शर्मा की असल जिंदगी पर आधारित है । इंदिरा गांधी के शासनकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित पीरियड ड्रामा फ़िल्म में बताया जाएगा कि कैसे राकेश शर्मा ने अपने देश का नाम रोशन किया था और भारत को उन देशों की सूची में 14वें स्थान पर लेकर आए जिसने अपने लोगों को अंतरिक्ष में भेजा ।

गौरतलब है कि राकेश शर्मा वो पहले भारतीय थे जिन्होंने अंतरिक्ष की धरती पर कदम रखा । एनडीए पास करने के बाद राकेश शर्मa ने इंडियन एयर फोर्स को ज्वाइन किया, और जिसके बाद वह भारतीय वायु सेना में बतौर टेस्ट पायलट भर्ती हो गये । सन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान राकेश शर्मा ने मिग एअर क्रॉफ्ट से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। अपनी योग्यता और मेहनत के बल पर वे आगे बढ़ते रहे और सन 1984 में स्क्वाड्रन लीडर के पद पर पहुँच गए । इस बीच 20 सितम्बर 1982 को उनका चयन भारत (इंडियन स्पेस रिसर्च सेण्टर) और

सोवियत संघ (इन्टरकॉसमॉस) के एक संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए हो गया जिसके अंतर्गत उन्हें अंतरिक्ष यात्रा का मौका मिलने वाला था । 3 अप्रैल, 1984 का वह ऐतिहासिक दिन था, जब तत्कालीन सोवियत संघ के बैकानूर से सोयूज टी-11 अंतरिक्ष यान ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी । इस अंतरिक्ष दल में राकेश शर्मा के अतिरिक्त अंतरिक्ष यान के कमांडर वाई. वी. मालिशेव और फ़्लाइट इंजीनियर जी. एम स्ट्रकोलॉफ़ थे । अंतरिक्ष यान सोयूज टी-11 ने सफलता पूर्वक तीनों यात्रियों को सोवियत रूस के ऑर्बिटल स्टेशन सेल्यूत-7 में पहुँचा दिया । राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में कुल 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट बिताया । इस अंतरिक्ष दल ने 43 प्रयोग किये जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक और तकनीकी अध्ययन शामिल था । इस अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उड़ान दल ने मास्को में सोवियत अधिकारियों के साथ और फिर तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के साथ एक जॉइंट टेलीविज़न न्यूज़ कांफ्रेंस किया । जब इंदिरा गाँधी ने राकेश शर्मा से पूछा, “अपना भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है?” तब उन्होंने कवि इकबाल द्दारा रचित पंक्तियां बोलीं, “सारे जहाँ से अच्छा …..”। इस मिशन के साथ भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाले देशों की श्रेणी में आ गया । भारत ऐसा करने वाला विश्व का 14वां देश बन गया । अंतरिक्ष से वापस लौटने के उपरान्त सोवियत सरकार ने उन्हें ‘हीरो ऑफ़ सोवियत यूनियन’ के सम्मान से नवाज़ा । भारत सरकार ने उन्हें शान्ति-काल के सबसे उच्च बहादुरी पुरस्कार ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित किया ।

फ़िल्म की बात करें तो, यह सुनने में आ रहा है कि यह फ़िल्म अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है और फ़िल्म की कास्टिंग पर बातचीत चल रही है जिसका अभी खुलासा होना बाकी है ।